पूजन के साथ राम चबूतरा का निर्माण शुरू

पूजन अर्चन करते ट्रस्ट पदाधिकारी

दिसंबर 2023 तक रामलला भव्य मंदिर के गर्भगृह में होंगे विराजमान

अयोध्या। रामनगरी में राममंदिर के प्लिंथ का निर्माण सोमवार को दोपहर से शुरु हो गया,इसके पहले ट्रस्ट ने पूजन किया, श्रीरामजन्मभूमि पर राफ़्ट आर एएफटी का निर्माण पूरा करने के बाद सोमवार को दोपहर उसके ऊपर पूजन विधि द्वारा ग्रेनाइट पत्थर के ब्लॉक रखकर प्लिंथ अर्थात राम चबूतरा का निर्माण शुरु हो गयाl मन्दिर के प्लिंथ ऊँचा करने से पहले राममंदिर ट्रस्ट ने पूजन किया

राम चूबतरा अर्थात प्लिंथ में लगेंगे ये पत्थर

इस अवसर पर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय,महन्त दिनेंद्र दास,बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र अयोध्या राजा,डॉक्टर अनिल मिश्र, कोटेश्वर शर्मा, गोपाल,लार्सन टुर्बो के विनोद मेहता,टाटा के विनोद शुक्ला,ट्रस्ट की ओर से जगदीश आफले,राजेन्द्र त्रिपाठी,अविनाश संगम नेरकर व अन्य समस्त इन्जीनियर उपस्थित थे।अयोध्या में बहु प्रतीक्षित राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण इस साल अप्रैल से शुरू हो जाएगा। इससे पहले मंदिर की नींव से जुड़े राफ्ट का निर्माण 23 जनवरी को पूरा हो गया। राफ्ट के ऊपर 20 फिट ऊंचा राम चबूतरा बनाया जाएगा। रामचूबतरा के लिए टावर क्रेन से रखा जा रहा पत्थर, राम चबूतरा में ग्रेनाइट के 25000 पत्थर लगेंगे। राम मंदिर का निर्माण कर रही एन एंड टी कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनोद मेहता ने बताया कि 21 जनवरी को राफ्ट के साथ राम मंदिर निर्माण को दूसरे चरण का काम पूरा होगा। राम चबूतरा 20 फिट ऊंचा है जो अप्रैल तक पूरा होगा। इसमें ग्रेनाइट के 25000 पत्थर लगेंगे जो कई आकार के होंगे। उन्होंने बताया कि गर्भगृह का काम अप्रैल से शुरू होगा और इसमे मकराना का पत्थर लगेगा। राम मंदिर में 4 लाख 50 हजार घन फीट पत्थर लगेंगे। इसमें गर्भ गृह, कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप व रंग मंडप बनेंगे। गर्भगृह 10.5 गुणे 10.5 मीटर का होगा। रामलला की चल मूर्ति भूमि तल पर स्थापित होगी जबकि पहले तल पर राम दरबार होगा। दूसरे तल पर क्या होगा यह तय नहीं हो पाया है। राममंदिर ट्रस्ट प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश थापड़े ने बताया कि राम मंदिर में लोग पूर्व दिशा से आकर दर्शन करेंगे। मंदिर में जाने के लिए दो सीढ़ियां होंगी। 250 गुणे 350 फीट गुणे 60 फीट का परकोटा होगा। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण में 400 मजदूर काम कर रहें है. कार्यशाला के पत्थर चार माह में लगने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट रामलला के दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए हर प्रयास कर रहा है। दिसंबर 2023 तक रामलला अपने भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे।

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