
चंडीगढ़ : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 24 जुलाई को श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में नाच-गाने के आयोजन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कार्यक्रम में मौजूदगी को लेकर पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस पर अकाल तख्त साहिब ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें “तनखैया” घोषित कर दिया है।
शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने 6 अगस्त को अकाल तख्त साहिब में पांच सिंह साहिबानों की मौजूदगी में अपनी गलती स्वीकार करते हुए क्षमा याचना की। इसके बावजूद जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने उन्हें धार्मिक मर्यादाओं के उल्लंघन का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
जत्थेदार की ओर से सुनाई गई सजा
- बैंस को गुरुद्वारा गुरु के महल से गोल्डन टेंपल तक पैदल चलना होगा और रास्तों की मरम्मत व साफ-सफाई सुनिश्चित करनी होगी।
- उन्हें गुरुद्वारा श्री कोठा साहिब व गुरुद्वारा पातशाही 9वीं बाबा बकाला साहिब में भी 100 मीटर पहले उतरकर पैदल चलना होगा और संबंधित मार्गों की सफाई करानी होगी।
- दिल्ली स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब और श्री आनंदपुर साहिब में दो दिन जोड़ा घरों में सेवा करनी होगी और 1100 रुपये की देग चढ़ाकर अरदास करनी होगी।
अन्य दोषियों पर भी कार्रवाई
कार्यक्रम में शामिल गायक बीर सिंह ने पहले ही सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली थी। वहीं, अकाल तख्त ने रणजीत सिंह को भी सजा दी है:
- 11 दिनों तक नजदीकी गुरुद्वारे में जोड़ा घर और बर्तन की सेवा करनी होगी।
- 11 दिनों तक रोज़ 5 बार जापजी साहिब और 5 बार जाप साहिब का पाठ करना होगा।
- सेवा पूरी होने के बाद अकाल तख्त साहिब में 1100 रुपये की देग और दान पेटी में 1100 रुपये दान करना होगा।
रणजीत सिंह ने सभी शर्तों को स्वीकार कर लिया।
भाषा विभाग के निदेशक को भी किया गया तलब
भाषा विभाग, पंजाब के निदेशक जसवंत सिंह जफर को भी अकाल तख्त ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। वे वर्तमान में विदेश में हैं और उन्होंने पत्र भेजकर 13 अगस्त को पेश होने का अनुरोध किया है।
जत्थेदार गड़गज ने स्पष्ट किया कि इस कार्यक्रम के आयोजन में सिख मर्यादा और इतिहास का गंभीर उल्लंघन हुआ, जिससे संगत की भावनाएं आहत हुई हैं। इसी के आधार पर यह धार्मिक कार्रवाई की गई।