लखनऊ : विवेक तिवारी मर्डर केस में आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी के विरोध में कल बर को काला दिवस मनाए जाने से यूपी के CM योगी आदित्यनाथ काफी नाराज हैं. उन्होंने पुलिस के आला अफसरों को जमकर फटकार भी लगाई है. यही नहीं, विरोध के सुर दबाने के लिए तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और तीन थाना अध्यक्षों के तबादले कर दिए गए हैं. विरोध करने वाले दो पूर्व पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया है.
किन पुलिस वालों पर लिया गया एक्शन
सस्पेंड होने वाले पुलिसकर्मियों में लखनऊ के अलीगंज थाने में तैनात सिपाही जितेंद्र कुमार वर्मा, गुडंबा थाने के सिपाही सुमित कुमार और नाका थाने में तैनात सिपाही गौरव चौधरी शामिल हैं. इसके अलावा जिन तीन थानों के इंचार्ज का तबादला किया गया है, उनमें लखनऊ के ही नाका के थाने के एसओ परशुराम सिंह , एसओ अलीगंज अजय यादव और एसओ गुडंबा धर्मेश शाही शामिल हैं. गिरफ्तार किए गए पूर्व पुलिसकर्मियों में अविनाश पाठक और ब्रजेंद्र यादव शामिल हैं. अविनाश को मिर्जापुर और ब्रजेंद्र को वाराणसी से गिरफ्तार किया गया.
योगी आदित्यनाथ ने घटना के फौरन बाद प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी ओपी सिंह और मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे को बुलाकर अपनी नाराजगी जताई.
विरोध पर लगाम नहीं लगी तो भुगतेंगे खामियाजा
योगी आदित्यनाथ ने आला अफसरों को इस मामले को लेकर खरी खोटी सुनाते हुए कहा है यह उच्च स्तर पर की गई लापरवाही का नतीजा है, जिसकी वजह से पुलिसकर्मी इतना मुखर होकर के विरोध पर उतर आए हैं. अगर इस पर फौरन लगाम नहीं लगाई गई तो इसका खामियाजा अधिकारियों को भी भुगतना होगा.
मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद आनन-फानन में पुलिस विभाग की तरफ से पुलिस कर्मियों के लिए नई सोशल मीडिया पॉलिसी बना दी गई. साथ ही उनको व्यावहारिकता सिखाने की कवायद शुरू की गई है. इस पूरी घटना को लेकर लखनऊ में तैनात आईजी अमिताभ ठाकुर ने एक बार फिर सरकार का विरोध किया है.
अमिताभ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अपने किसी साथी के साथ कोई ज्यादती होने की दशा में सहकर्मी के साथ खड़े होना कोई अनुशासनहीनता नहीं है. इस मामले में अति नहीं की जानी चाहिए.
पुलिस के लिए पॉलिसी
पुलिस महकमे में बगावत को देखते हुए नई सोशल मीडिया पॉलिसी जारी की गई है. इससे पहले डीजीपी जावेद अहमद के समय में सोशल मीडिया की एक पॉलिसी जारी की गई थी लेकिन इस नई पॉलिसी में कई संशोधन किए गए हैं. नई पॉलिसी के मुताबिक अब पुलिस कर्मी सोशल मीडिया पर पुलिस का लोगो, पुलिस की वर्दी, उससे जुड़ी अन्य चीजें और हथियार के साथ फोटो पोस्ट नहीं शेयर कर सकते.
अगर वर्दी के साथ कोई फोटो पोस्ट भी करता है तो किसी तरीके की अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए और कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं होनी चाहिए. अब पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी करने के साथ यह भी लिखना होगा यह उनकी निजी राय है. नई पॉलिसी में जिन अहम बिंदुओं को शामिल किया गया है, उनमें शामिल है कि कोई…
– पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर अश्लील भाषा का या फोटो पोस्ट नहीं कर सकता
– पुलिस विभाग की किसी भी जानकारी को बगैर वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी के सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं कर सकता
– सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों और राजनेताओं के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता
– राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता
– पुलिसकर्मी किसी भी राजनीतिक दल राजनीति व्यक्ति और विचारधारा के संबंध में टिप्पणी नहीं कर सकता
– किसी भी दूसरे पुलिसकर्मी की नियुक्ति को लेकर के कोई जानकारी सोशल मीडिया पर साझा नहीं की जा सकती
– किसी भी मामले की जांच, विवेचना, कोर्ट में लंबित केस के बारे में नहीं लिख सकते
– जाति धर्म संप्रदाय व्यवसाय सेवाओं लिंग क्षेत्र राज्य के बारे में पूर्वाग्रह और आगरा वाली चीजें सोशल मीडिया पर नहीं डाली जा सकतीं
– बलात्कार पीड़ित और नाबालिग की पहचान को जाहिर करने वाली कोई जानकारी साझा नहीं कर सकते
– जिन अपराधियों की शिनाख्त परेड होनी हैं उनकी फोटो, चेहरा सोशल मीडिया पर नहीं दिखा सकते
– सोशल मीडिया पर पूर्व में न्यायालय की ओर से दिए गए किसी भी दिशा निर्देश का उल्लंघन करती हुई चीज नहीं डाल सकते
बता दें कि पुलिस के अधिकारियों ने यह सारी गाइडलाइंस हाल ही में विवेक तिवारी की हत्या के बाद पुलिस महकमे में उठे विरोध और सोशल मीडिया पर चल रहे कैंपेन के बाद जारी की गई हैं. साथ ही सभी थानाध्यक्ष, जिले के कप्तान और वरिष्ठ अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने अपने शहर में पुलिसकर्मियों की हरकतों पर नजर रखें और कोई कमी होने पर उनके खिलाफ तत्कार कार्रवाई की जाए.