कोरोना एलर्ट : गांवों में बढ़ी प्रवासियों की आमद, तो कागजों में सिमटी निगरानी समितियां

-कोरोना काल में प्रवासियों पर नजर रखने के लिए बनाई गई थी निगरानी समितियां

 
गोरखपुर।  महाराष्ट्र, दिल्ली आदि संक्रमित क्षेत्रों से प्रवासीयों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में मतदान करने के लिये आये प्रवासियों से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। अब लाॅकडाऊन के भय से प्रवासी तेजी से गांवो की तरफ लौट रहे हैं। संक्रमित क्षेत्र से लौटे ऐसे ही प्रवासियों के उपर नजर रखने, स्क्रीनिंग कराने व इनके लिये होम आईसोलेशन की व्यवस्था करने तथा जिनके घरों मे पृथक रूप से आईसोलेशन की व्यवस्था नहीं उनको गांव के कोरंटाईन सेंटर में रखने के निगरानी समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों को प्रवासियों की पूरी जानकारी कंट्रोल रूम को देनी है। परंतु गोला क्षेत्र में उपनगर से लेकर गांवो में यह निगरानी समितियों का कोई अस्तित्व ही नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा इन समितियों को सक्रिय करने की बात कही जाती है परंतु इनका जमीनी हकीकत कुछ और है। यह समितियां केवल कागजों की शोभा बढा रही हैं।
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समितियों मे ये हैं शामिल

निगरानी समितियों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल, एएनएम, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, कोटेदार, समेत कुछ जागरूक ग्राम सदस्यों को शामिल किया गया है।
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क्या है निगरानी समितियों के कार्य

कस्बे से लेकर गांवो तक निगरानी समितियों को महत्वपूर्ण दायित्व दिये गये हैं। समिति के सदस्यों को बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों पर नजर रखनी है तथा सीएचसी में लाकर उनकी स्क्रीनिंग करानी है। जो प्रवासी बाहर से आये हैं वो होम क्वारंटीन होते हुए नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं, इसकी देखरेख करना। ग्रामीणों को कोरोना की भयावहता के बारे में जागरूक करने के साथ कोरोना गाईडलाईन की जानकारी ग्रामीणों को देना है।
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बोले जिम्मेदार

पंचायत चुनावों के कारण निगरानी समितियां अध्यक्ष विहिन हो गयी थी जिसके कारण समितियां सुस्त हो गयी थी। अब उन्हे सक्रिय कर दिया गया। तथा अब गांवों से तहसील प्रशासन को सूचनाएं मिलने लगी हैं।

-राजेंद्र बहादुर, उपजिलाधिकारी, गोला-गोरखपुर

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गांवो में प्रवासीयों पर नजर रखने के लिए चौकीदारों को सक्रिय किया जायेगा। जिसके लिये इनकी बैठक थाने पर बुलाई गयी है।

-अनिल कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी गोला-गोरखपुर

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