
-पति-पत्नी की साथ-साथ जली चिताएं, तो नम हुई सभी आंखे
गोरखपुर। गगहा क्षेत्र के चिमचा गांव दिल झकझोर देने वाला मामला सामने आया। जहां महज कुछ घंटे के अंतराल में वृद्ध दम्पति की मौत हो गई। पहले 82 वर्षीय पति की देर रात मौत होने के बाद उनकी शव यात्रा निकलते ही पत्नी की भी सांसे थम गई। जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। बड़हलगंज मुक्तिपथ घाट पर एक साथ सजी चिताओं पर पति-पत्नी के अंतिम संस्कार देख, वहां मौजूद सभी की आंखे नम हो गई।
क्षेत्र के चिमचा गांव निवासी बेचई प्रजापति (82) की तबीयत कुछ दिन से खराब चल रही थी। पत्नी भगवानी व पुत्र टिकोरी परिवार उनकी देखभाल में लगे थे। शुक्रवार की देर शाम बेचई की मौत हो गई। रात हो जाने के चलते परिजनों ने दाह संस्कार शनिवार की सुबह करने का फैसला किया। शनिवार को तड़के से ही बेचई की अर्थी सजने लगी। करीब 8:00 बजे तक उनके अर्थी सजी जैसे ही परिजन उन्हें मुक्तिपथ पर ले जाने की तैयारी करने लगे, यह देख गुमशुम बैठी पत्नी भगवनी देवी बदहवास हो गए। जैसे ही शवयात्रा गाव के बाहर पहुंची पत्नी भगवानी देवी की मौत सूचना लड़के को मिली, पुनः पुत्र, पिता के शव को गांव के बाहर रखकर, ग्रामीणों की मदद से माता की भी अर्थी तैयार करने के बाद दोनों की अर्थी एक साथ गांव से निकली।
परिजनों ने एक साथ दोनों की चिता सजाई, ग्रामीणों की मौजूदगी में इकलौते बेटे टिकोरी प्रसाद ने दोनों को मुखाग्नि दी। एक साथ पति पत्नी की चिता जलते देख घाट पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। क्षेत्र में पति पत्नी की एक साथ मौत होने की चर्चा दिन भर चलती रही। बेचई कलकत्ता में रहकर मेटल & स्टील फैक्ट्री में सुपरवाइजर पद काम करते थे, और पत्नी गांव पर रहकर एक लड़के व तीन लड़कियों की परवरिश करती थी, बेचई ने अपने सभी बच्चों की शादी कर चुके थे, व नाती-पोते भी थे, 2001 मे बेचई रिटायर्ड होने के बाद गांव पर रहकर पेन्शन लेते और बच्चे टिकोरी के व्यसाय आटा चक्की व गौव सेवा में हाथ बटाते थे।










