
- दशकों से दो जगह नौकरी कर रही है महिला,भ्रष्टाचार का मामला
- IGRS पर हुई शिक़ायत तो शपथपत्र से सरेंडर हुए जांच अधिकारी
- होमगार्ड विभाग और बाल विकास पुष्टाहार विभाग से जुड़ा है मामला
लखनऊ। होमगार्ड विभाग के मुख्यालय में फर्जी ड्यूटी का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। कि गाजियाबाद से भ्रष्टाचार से जुड़ा एक और मामल सामने आया है। यह मामला या तो अधिकारियों की सरफार्थी में हो रहा है या अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है। फिलहाल इन दोनों तरफ़ से किसी एक एंगल पर सच्चाई जरूर हो सकती है।
जानते हैं क्या पूरा मामला
गाजियाबाद के रहने वाले अनिल कुमार पिता राजेश कुमार ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर उर्मिला राय पत्नी राकेश कुमार राय के विषय में शिकायत की जिसमें लिखा कि होमगार्ड्स सहायक कंपनी कमांडर के पद और आंबेडकर नगर घुकना आंगनबाड़ी केंद्र से कार्यकत्री के पद का मानदेय एक साथ लिया जा रहा है।
होमगार्ड्स विभाग गाजियाबाद की जांच रिपोर्ट
इस मामले की जाँच होमगार्ड कमांडेंट गाजियाबाद अमित कुमार वर्मा कर रहे थे। जांच के दौरान 11 दिसंबर 2024 को उर्मिला राय ने शपथ पत्र के माध्यम से लिखकर बताया कि मैं बालविकास परियोजना के अंतर्गत शहर क्षेत्र गाजियाबाद में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद पर कार्यरत थी। और मैं स्वेच्छा से निजी कारणों से उक्त पद से त्याग पत्र दे चुकी हूं। शपथ पत्र को आधार मानकर जिला कमांडेंट होमगार्ड्स गाजियाबाद अमित कुमार वर्मा ने 11 दिसंबर 2024 को आंखें बंद करके जांच रिपोर्ट लगाते हुए लिखा कि उर्मिला आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद से त्यागपत्र दे चुकी है।
बाल विकास विभाग की जांच रिपोर्ट
IGRS पर शिकायत दर्ज होने के बाद जांच बालविकास परियोजना अधिकारी के यहां भी पहुंची, जिसकी जांच क्षेत्रीय बाल विकास अधिकारी मनीषा वर्मा कर रही थीं। जांच के दौरान 23 अक्टूबर 2024 को उर्मिला राय शपथपत्र में लिखती हैं कि 08 अप्रैल 1997 को आंगनबाड़ी में भर्ती हुई थी और वर्तमान मे कार्यरत हूं। लेकिन होमगार्ड्स विभाग से मानदेय का भुगतान प्राप्त नहीं कर रही हूं।
क्षेत्रीय बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी मनीषा वर्मा ने सफ़थ पत्र को आधार बनाते 23 अक्टूबर 2024 को आंखें बंद करके जांच रिपोर्ट में लिखा है। 18 अक्तूबर 2024 अनिल कुमार की शिकायत पर जांच करने पर पाया गया कि उर्मिला राय 31मार्च 1997 से आंगनबाड़ी पद पर कार्यरत हैं। उनके द्वारा होमगार्ड्स विभाग में काम नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में उर्मिला राय ने शपथपत्र भी दिया है।
पुनः जांच के अनुरोध पर मेरठ डिविजन की रिपोर्ट
IGRS पर शिकायत करने वाला अधिकारियों की जांच से असंतुष्ट है। जांच में असंतुष्ट शिक़ायत कर्ता पुनः जांच कराने का अनुरोध किया।
जवाब में डिविजन कमांडेंट होमगार्ड्स मेरठ डिविजन सुभाष राम शायद रौद्र रूप धारण कर क्रोध में लिखते हैं।आपको पूर्व में दी गई सूचनाएं पर्याप्त है। बार बार सूचना मांग कर सरकारी कार्य में बाधा डालने का प्रयाग कर रहे हैं। यह वहीं सुभाष राम हैं जिनके ख़िलाफ़ वर्ष 2021 जनपद लखनऊ में योजना बनाकर संगठित होकर होमगार्ड स्वयंसेवक के फर्जी मस्टररोल बनाकर सरकारी पैसों का गवन करने का आरोप है। उस दौरान सुभाष राम जनपद बाराबंकी के तत्कालीन जिला कमाडेंट के पद पर कार्यरत थे।

जिला कमांडेंट होमगार्ड्स गाजियाबाद अमित कुमार वर्मा से फोन पर बातचीत
अमित कुमार वर्मा ने बताया, “अगर उर्मिला राय ने सफ़तपत्र में ग़लत जानकारी देकर विभाग को गुमराह किया है तो ड्यूटी के माध्यम से प्राप्त राशि वापस कराई जाएगी। और योजना बनाकर धोखाधड़ी की है। तो मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है।”
बाल विकास जिला परियोजना अधिकारी गाजियाबाद, शशि वार्ष्णेय से फोन पर बातचीत
शशि वार्ष्णेय ने बताया, “मुझे इस मामले में पूरी जानकारी नहीं है। लेकिन क्षेत्रीय परियोजना अधिकारी ने लोकल में ही इस मामले को समझ लिया होगा। अगर उर्मिला ने अवकाश के दिन छोड़कर दिन में 2 बजे से पहले होमगार्ड्स विभाग में काम किया है। तो यह ग़लत है। अगर उर्मिला जांच में दोषी हैं। तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।”
फिलहाल इस दौरान IGRS पर की गई शिक़ायत को अधिकारियों की द्वारा जारी जांच रिपोर्ट से शिकायतकर्ता का फीडबैक असंतुष्ट है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। मुख्य मंत्री पोर्टल से शिक़ायत संख्या 40014024048914,40014024043656 से प्राप्त दस्तावेजों के माध्यम से कई तथ्य सामने आए हैं।