
भास्कर समाचार सेवा
गाजियाबाद। लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के 35 पुलिसकर्मियों परमुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीजेएम विभांशु सुधीर ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया है, जिसमें थाने के प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र पंवार और विभांशु तोमर शामिल है। खास बात यह है कि पुलिसकर्मियों ने महंत मोनू शर्मा और उनकी पत्नी दीपा के खिलाफ फर्जी केस दर्ज कर पुलिस ने उन्हें जेल भेजा था।दीपा की ओर से अर्जी देने वाले अधिवक्ता अंबरीश कुमार ने बताया कि टीला शाहबाजपुर गांव में महंत मोनू शर्मा से गांव के मनीष भाटी, बल्ली और विकास मावी दो लाख रुपये प्रति माह की रंगदारी मांग रहे थे। छह जुलाई 2022 को मंदिर में एक गरीब लड़की के शादी समारोह के दौरान वे लोग आए। उनकी और पति की पिटाई कर सामान लूट ले गए। उन्होंने शिकायत की तो पुलिस ने उन्हें वहां से भगा दिया, बाद में सरकारी काम में बाधा का केस बना दिया। इसी केस में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद केस दर्ज करने का आदेश दे दिया है।
दीपा ने पुलिस पर लगाया बच्चों से मारपीट का आरोप
कोर्ट पर मुझे पूरा विश्वास था कि मुझे न्याय मिलेगा। भले ही 11 महीना लग गए लेकिन न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि छह जुलाई 2022 की रात वह नहीं भूल सकती। रात करीब 10 बजे वह और उनके मंहत पति मोनू मंदिर परिसर में थे तभी लोनी बार्डर थाने के एसएचओ योगेंद्र पवार, उपनिरीक्षक विभांशु तोमर, मलखान सिंह, उप निरीक्षक प्रदीप शर्मा, अमर पाल सिंह, सिपाही राहुल, मुकेश, कुलदीप, कृष्ण कुमार व करीब 20 पुलिस वाले परिसर में घुस आए और उन्हें और उनके पति को पीटने लगे। उनके कपड़े फाड़ दिए और उनके गले से सोने का मंगल सूत्र तोड़ लिया। यहां तक उनकी छह साल की बच्ची वंशिका को भी पीटा और पति माेनू को परिसर से पीटते हुए पुलिस चौकी ले गए।
इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हुए मुकदमा दर्ज के आदेश
योगेंद्र पवार एसएचओ,विभांशु तोमर उप निरीक्षक,मलखान सिंह उप निरीक्षक,प्रदीप शर्मा उप निरीक्षक,अमरपाल सिंह उप निरीक्षक,राहुल सिपाही, मुकेश सिपाही, कुलदीप सिपाही, अंकुश मलिक सिपाही, कृष्ण कुमार सिपाही, विजयपाल सिपाही, सुशील सिपाही के अलावा 25 अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश अदालत ने दिए है। कोर्ट के आदेश के बाद खबर लिखे जाने तक पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है।














