काशीपुर। मंगलवार को मोटेश्वर महादेव मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। इस स्थान पर महाभारत काल में महाबली भीम ने 12वां उपज्योर्तिलिंग स्थापित किया था, जो आज भी लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा है। शिवलिंग की मोटाई अधिक होने से यह मोटेश्वर महादेव मंदिर नाम से विख्यात है।
बता दें कि महाशिवरात्रि पर्व पर अर्द्धरात्रि से ही मोटेश्वर महादेव मंदिर में कांवड़ियों ने जलाभिषेक करना शुरू कर दिया। मोटेश्वर महादेव मंदिर के अलावा नगर के नागनाथ मंदिर, बांसियोंवाला मंदिर के अलावा विभिन्न मंदिरों पर दिन भर श्रद्धालुओं की आस्था का जनसैलाब उमड़ा रहा। मान्यता है कि मोटेश्वर महादेव मंदिर पर लगातार दर्शनों के लिए आने वालों के जीवन से दुख दूर रहता है। हालांकि बीते वर्षों में कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं ने घरों में रहकर पूजा-अर्चना की थी, लेकिन इस बार महाशिवरात्रि के दिन मोटेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। यहां उप्र के जिला मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, ठाकुरद्वारा से कई श्रद्धालु हर साल कांवड़ चढ़ाने आते हैं। यहां शिवरात्रि में एक दिन पहले से भक्तों की लाइन लग जाती है और आधी रात से ही कांवड़ चढ़नी शुरू हो जाती है।