“दैनिक भास्कर” ने 22 मई को इसका किया था खुलासा खबर छपने के बाद ठेकेदार ने उसी पीले ईटो से नाले का निर्माण युद्ध स्तर पर कर दिया शुरू
क़ुतुब अंसारी / अशोक सोनी
जरवल ( बहराइच ) वित्तीय अनियमितता के मामले वर्षो से चर्चा मे रह रही नगर पंचायत जरवल के खिलाफ कोई जाँच न होने की दशा मे यहाँ के अधिशाषी अधिकारी संतोष कुमार चौधरी व चेयरमैन पति इन्तजार अहमद उर्फ मिथुन के हौसले काफी बुलन्द हो चुके हैं हालात यहाँ तक पहुँच चुके हैं कि सरकारी धन को ये लोग अपनी तोंद ऊँची करने के लिए कागजों का भी पेट भरके सब कुछ पचाने से बाज नही आ रहे हैं जब कि इन दोनों जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अनेको बार यहाँ के सभासदों ने शासन व प्रशासन के संज्ञान मे वित्तीय अनियमितता का ठीकरा भी फोड़ चुके हैं पर पैसे के खेल मे सभी जांचों को कूड़े की टोकरी मे ही फेक दिया गया।बताते चले मौजूदा समय मे लाखो रुपयों की लागत से मोहल्ला सराय मे एकमिनारा मस्जिद जाने वाले मार्ग पर एक नाले का निर्माण निकाय प्रशासन द्वारा अपने एक चहेते ठेकेदार से करवाया जा रहा है जिसमे जो नाला बना था उसके ईंटों का प्रयोग ठेकेदार निकाय प्रशासन से मिलकर कर ही रहा है उसमें जो ईटे लगाई जा रही है पीले है।
जिसकी एक खबर”दैनिक भास्कर”ने 22 मई को प्रमुखता से पेज सात पर”अधिकारियों की शय पर हो रहा वित्तीय अनियमितता का खेल”नामक शीर्षक से प्रकाशित कर प्रशासन के संज्ञान मे डाला तो यहाँ के ई ओ श्री चौधरी व चेयरमैन पति इन्तजार अहमद उर्फ मिथुन ने ठेकेदार की पीठ थपथपा कर उसी पीले ईटो से नाले का निर्माण काफी तेजी से करवाना शुरू कर दिया जो वित्तीय अनियमितता की पोल खोल रहा है लेकिन जिला प्रशासन शायद अभी इस वित्तीय अनियमितता को संज्ञान मे नही ले सका है।यही हाल रहा तो जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों के साथ जो पैसा शासन से इस निकाय को विकास के नाम पर आता है उसे भी कागजो का पेट भरके ये लोग डकारने से बाज नही आयेगे वैसे यदि बीते दो वर्षों से हुए भुगतानों की निष्पक्ष जाँच हो जाए तो सरकारी धन के ई ओ संतोष कुमार चौधरी व चेयरमैन पति इंतजार अहमद उर्फ मिथुन के बीच जो डील चल रही है कि पोल तो खुल ही सकती है सरकारी धन की यहाँ हो रही लूट पर अंकुश भी लग सकता है।
*कांग्रसी चेयरमैन पति मिथुन जो कहे वही जरवल निकाय मे सही*
जरवल।कांग्रेस सिम्बल से अध्यक्ष पद पर काबिज हुई जरवल की चेयरमैन तस्लीमबानो के पति इंतजार अहमद उर्फ मिथुन ही निकाय प्रशासन के पति चला रहे हैं उनके बेजा अधिकारों का आलम ये है कि सुबह दस बजे आफिस आकर निकाय कर्मियों को अपने हिसाब से कार्य करवाना जिसे जब चाहे फटकार लगा कर उपस्थित पंजिका मे अनुपस्थित कर देना ये सब ई ओ संतोष कुमार चौधरी के शय पर यहाँ होता है जानकारो की माने तो अशिक्षित चेयरमैन तस्लीमबानो की जगह इनके पति ही यहाँ पर हर छोटे बड़े फैसले लेते है जिससे नगर की जनता व निकाय कर्मी डर व दबाव मे कुछ भी बोल नही पाते वजह भी है कि चेयरमैन पति मिथुन के ऊपर जो संगीन आपराधिक किस्म के जो मुकदमे है उसका भी खौफ लोगो पर गालिब है कि कही कोई खड़यंत्र रच कर कही किसी को फंसा न दे कि चर्चा भी आम है।