पढ़े अभी : कुंभ में अराजक तत्वों का खतरा, लगाई गयी धारा 144

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कुंभ नगर.  तीर्थराज प्रयाग में दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कुम्भ मेले में अराजक तत्वों से खतरे की आशंका को भांपते हुए जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू किया है। मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने रविवार को बताया कि मेला प्राधिकरण ने कुम्भ क्षेत्र में अराजक तत्वों से खतरे की बात कही है जिसके मद्देनजर एहतियात के तौर पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये है।

पूरे मेला क्षेत्र में शनिवार से निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। इस दौरान कोई भी व्यक्ति, संस्था एवं संगठन बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना मेला क्षेत्र में धरना प्रदर्शन नहीं कर सकेगा। उन्होंने बताया कि काेई भी व्यक्ति लाठी, डंडा अथवा किसी प्रकार का घातक हथियार अपने साथ लेकर नहीं चल सकेगा। मेला क्षेत्र में ड्यूटी करने वाले पुलिस और ऐसे साधु महात्मा ही इसको धारण कर सकेगे जिनके द्वारा धार्मिक रूप से शस्त्र ग्रहण किया जाता है , उन्हे छूट रहेगी।

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संगम की रेती पर आस्था का समंदर हिलाेंरे मारने को तैयार

मोक्ष की कामना के साथ पतित पाविनी गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम की रेती पर सोमवार को आस्था का समंदर हिलोंरे मारेगा।

पौष पूर्णिमा के मौके पर करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का अधिक महत्व है। मोक्ष की कामना रखने वालों के लिए यह दिन बेहद खास होता है। इस तिथि को सूर्य और चंद्रमा का संगम भी कहा जाता है, क्योंकि पौष का महीना सूर्य देव का माह होता है और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है। चंद्रमा के साथ-साथ पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित होता है।

अर्धकुम्भ को कुम्भ की मान्यता दे चुकी राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में कोई कोरकसर छोड़ने के मूड में नहीं दिखती। इसी का नतीजा है कि पहले मकर संक्रांति के अवसर पर अखाड़ों के शाही स्नान के साथ देवों के अमृत से परिपूर्ण कुंभ का भव्य आगाज हुआ था और एक ही दिन में करीब ढाई करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर एक रिकार्ड कायम किया था।

कुंभ का दूसरा शाही स्नान चार फरवरी को माघ आमवस्या को सम्पन्न होगा। इससे पहले पूर्णिमा में स्नान का खास महत्व माना गया है। कुंभ मेले की अनापचौरिक शुरूआत भी इसी दिन से मानी जाती है। कल से ही संगम की रेती पर कल्पवास की विधिवत शुरूआत होगी। सोमवार को ही खग्रास चंद्रग्रहण भी लगेगा हालांकि भारत में यह नहीं देखा जा सकेगा।
इतने अपार जनसमूह के स्नान के सफल आयोजन से गदगद सरकार और स्थानीय प्रशासन पौष पूर्णिमा पर दूसरे शाही स्नान की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। मेला प्रशासन इस बात पर पूरा जोर लगा रहा है कि इस बार के आयोजन को और भव्य रूप दिया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने व्यस्त कार्यक्रमों से समय निकाल कर कुंभ की पल पल की जानकारी हासिल कर रहे है।

पहले स्नान के दौरान अस्त व्यस्त हुये मार्गो को एक बार फिर चुस्त दुरूस्त कर चमका दिया गया है। करोड़ों श्रद्धालुओं के स्नान से तनिक मैले हुये संगम में जाल डाल कर गंदगी निकाल दी गयी है जिससे एक बार फिर संगम का जल निर्मल दिखने लगा है। प्रकाश व्यवस्था को भी और बेहतर किया गया है। मेला क्षेत्र में अप्रिय स्थिति से बचने के लिये ड्रोन कैमरो और सीसीटीवी कैमरों को एक बार फिर बारीकी से जांचा परखा गया है।

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मेला क्षेत्र में हर तरफ हवन-पूजन का कार्यक्रम चल रहा है। पूर्णिमा के अवसर पर भक्ति वेदांत नगर काशी सेक्टर 16 में भगवत कथा का आयोजन किया गया है वहीं अक्षयवट मंच सेक्टर चार मेला क्षेत्र में दिल्ली के कलाकार सुनंदा शर्मा का शास्त्रीय गायन श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेगा।

ऋषि भारद्धाज मंच सेक्टर छह मेला क्षेत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसमें कई नामी कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। यमुना मंच सेक्टर 17 मेला क्षेत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इसमें कई राज्यों के कलाकार प्रस्तुति देंगे। निंबार्क पार्क में संत मोरारी बापू की रामकथा चल रही है।
पौष पूर्णिमा स्नान को ध्यान में रखते हुए जिले में भारी वाहनों के प्रवेश को बंद करते हुए अन्य छोटे वाहनों के मार्ग में भी परिवर्तन किया गया है। पुलिस अधीक्षक (यातायात) कुलदीप सिंह ने रविवार को बताया कि सुबह पांच बजे से ही जिले में भारी वाहनों का प्रवेश बन्द रहेगा। इसके साथ हाई-वे पर भी इनके मार्ग में परिवर्तन किया गया है। यह व्यवस्था पौष पूर्णिमा का स्नान सोमवार सुबह से  22 जनवरी की रात 11 बजे तक लागू रहेगी।

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सिंह ने बताया कि जौनपुर से आने वाले छोटे वाहनों को गारापुर तिराहा, बड़ी चीनी मिल, समयामाई मंदिर के पास पार्क होंगे। बड़े वाहन प्रयाग ढ़ावा, हरिनाथ पार्किंग में खडे होंगे। वाराणसी मार्ग से आने वाले छोटे वाहनों को एचआर आई छतनाग और पटेल बाग में पार्क किए जऐंगे। बड़े वाहन को कान्हा मोटर पार्किंग स्थल, सरस्वती द्वार पर बनी पार्किंग में खड़े करने होंगे। मिलापुर रोड से आने वाले छोटे वाहन उपरहार, लघु उद्योग पार्किंग में खड़े होंगे जबकि बड़े वाहन को सरस्वती हाई टेक सिटी में पार्क होंगे।

रींवा मार्ग से आने वाले छोटे वाहन इन्दरपुर ,एग्रीकल्चर कृषि भूूमि में पार्क कराये जायेंगे और बड़े वाहन धनुहा और एफसीआई पार्किंग स्थल पर खड़े होंगे। कानपुर मार्ग से आने वाले छोटे वाहन प्लाट नम्बर 17, पीपीापुल कार्यशाला, गल्ला मंडी दारागंज, के पी कालेज और बड़े वाहन नेहरू पार्क सैन्य भूमि, सूबेदारगंज सैन्य भूमि में खड़े होंगे।

उन्होंने बताया कि पौष पूर्णिमा स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं और शहरी लोगों की सुविधा को भी ध्यान में रखा गया है। कुछ मार्गों को छोड़कर बाकी रास्ताों पर कार, मोटरसाइकिल और टैम्पो का आवागमन शुरू रहेगा। यूपी 70 नम्बर वाले वाहन को कहीं नहीं रोका जायेगा। मेला क्षेत्र में कल्पवासियों के वाहनों को नहीं रोका जायेगा। सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान होने के कारण उनके वाहनों को मेले में आये श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुसार उन्हें प्रवेश मिलेगा। कल्पवासियों के वाहन को आसानी गंतव्य तक जाने के लिए पास वाले वाहनों को मेला क्षेत्र में पार्किंग वाले वाहनों को खड़ा करना होगा।

 

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