औरैया। बिधूना तहसील कार्यालय में बिना शासन व उच्चाधिकारियों की स्वीकृति के संबंधित अधिकारियों की मेहरबानी से मनमाने तरीके से तहसील कार्यालय में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से सीटों पर जमें प्राइवेट कर्मचारियों के शोषण से जहां काश्तकारों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही है वहीं मनमाने शोषण के चलते आए दिन तहसील में हंगामे व बवाल भी होते नजर आ रहे हैं इसके बावजूद संबंधित अधिकारी इस बात को नजरअंदाज कर रहे हैं जिससे किसी भी समय तहसील में किसी बड़े हंगामे व बबाल की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। शुक्रवार को एसडीएम न्यायालय में एक स्टांप वेंडर द्वारा जहर खाने का मामला भी इसी समस्या का जीता जागता उदाहरण माना जा रहा है।
बिधूना तहसील में अधिकारियों के चहेते कमाऊ प्राइवेट कर्मियों की जमीं फौज
बिधूना तहसील कार्यालय में इन दिनों शासन व विभागीय उच्चाधिकारियों की बिना अनुमति एवं अनुमोदन के ही तहसील कार्यालय के अंदर लगभग प्रत्येक विभाग के कार्यालय में संबंधित अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से अवैध रूप से अपने चहेते खाऊ कमाऊ प्राइवेट कर्मचारियों की लंबी फौज तैनात कर दी गई है। बिना किसी वेतन मानदेय के कार्यरत अधिकारियों के यह चहेते कमाऊ प्राइवेट कर्मचारी अपने कामकाज के लिए तहसील आने वाले काश्तकारों व आम फरियादियों का मनमाने तरीके से सरेआम आर्थिक शोषण करने में जुटे नजर आ रहे हैं।
अवैध रूप से तहसील कार्यालय में बड़े पैमाने पर तैनात खाऊ कमाऊ प्राइवेट कर्मियों की मनमानी आपाधापी को लेकर अब तक कई बार आम जनता के साथ अधिवक्ताओं द्वारा भी आवाजें उठाए जाने के साथ हंगामा भी किए जाने के साथ हड़ताल भी की जा चुकी है किंतु इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा अपने चहेते कमाऊ प्राइवेट कर्मचारियों को सीटों पर हर कीमत पर काबिज बनाए रखने की मंशा से अधिवक्ताओं स्टांप वेंडरों वसीकानवीसों अर्जीनवीसो आदि के साथ कई बार समझौता वार्ताएं कर उन्हें समझा-बुझाकर प्राइवेट कर्मियों के इस अवैध गोरखधंधे पर पर्दा डालने का प्रयास किया जाता रहा है।
यही नहीं शुक्रवार को उपजिलाधिकारी न्यायालय परिसर में तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर स्टांप वेंडर के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने का वीडियो वायरल होने के साथ संबंधित स्टांप वेंडर द्वारा उपजिलाधिकारी के न्यायालय के अंदर ही जहरीला पदार्थ खा लिए जाने से फिर एक बार जहां बिधूना तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार पर प्रश्नचिन्ह लगने लगा है। तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के संबंध में उपजिलाधिकारी लवगीत कौर का कहना है कि उन्हें अवैध प्राइवेट कर्मियों के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
इस मामले की जांच की जाएगी और यदि ऐसे लोग पाए गए तो उनके विरुद्ध कार्यवाही होगी। वही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपर मुख्य सचिव व मंडलायुक्त कानपुर मंडल द्वारा बिधूना तहसील में अवैध रूप से तैनात प्राइवेट कर्मचारियों की खाऊ कमाऊ फौज को तत्काल हटवाए जाने पर यदि जल्द ध्यान न दिया गया तो इस तहसील में किसी भी समय किसी बड़े हंगामे की संभावना की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।