
प्रयागराज के नैनी जेल में शनिवार शाम हत्या के दोषी एक कैदी का शव पेड़ से लटका मिला है। मृतक की पहचान कौशांबी जिले के पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के बरुआ गांव निवासी 60 वर्षीय उदयराज लोध के रूप में हुई है, जो हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहा था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा।
जानकारी के अनुसार, शनिवार शाम जेल बंद करने से पहले सामान्य गिनती के दौरान जब पता चला कि एक कैदी कम है, तो हड़कंप मच गया। जांच में पता चला कि कौशांबी का सजायाफ्ता कैदी उदयराज लोध गायब है। तलाशी के दौरान जेल परिसर में स्थित दरी गोदाम के पास एक आम के पेड़ पर उसका शव गमछे के सहारे लटका हुआ मिला। यह देखकर जेल अधिकारियों के होश उड़ गए। शव को फंदे से नीचे उतार कर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
20 जुलाई को कौशांबी जेल से नैनी सेंट्रल जेल दाखिल किया गया था
उदयराज को 20 जुलाई को कौशांबी जेल से नैनी सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया था। वह 23 दिसंबर 2023 को कौशांबी के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
घटना से कुछ देर पहले ही उदयराज ने अपने भाई ज्ञान सिंह से मुलाकात की थी, जो भी उसी जेल में सजा काट रहा है। मुलाकात के बाद ही वह अचानक गायब हो गया। कई खोजबीन के बाद उसका शव पेड़ पर लटका मिला। बताया गया है कि इसी मामले में उसके तीनों भाई भी जेल में बंद हैं।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने कहा कि शव आम के पेड़ की डाली से गमछे के सहारे लटका मिला है। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का संदेह है। उन्होंने कहा, “शाम को बंदी टहलने, नहाने या शौच के लिए बाहर निकलते हैं, उसी दौरान उसने मौका पाकर फांसी लगा ली हो सकती है।”
डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। फिलहाल, सभी संभावित बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जेल प्रशासन भी सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहा है।
उदयराज जिस हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहा था, वह 11 जून 2020 को कौशांबी जिले के बरुआ गांव में आम तोड़ने को लेकर हुए झगड़े में हुआ था। आरोप था कि उदयराज और उसके भाइयों ने लाठी-डंडों से हमला कर एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इस मामले में तीनों भाइयों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, और उदयराज की अपील अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।












