भास्कर समाचार सेवा
मुरादनगर ।तथाकथित एमबीबीएस डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की मौत जच्चा की हालत गंभीर मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कराई दर्ज कार्यवाही न होने पर राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को ज्ञापन तथा जंतर मंतर पर देशव्यापी धरना प्रदर्शन किया जाएगा । जच्चा के बाद अस्पताल की लापरवाही से एक बच्चे की मृत्यु हो गई मां की हालत नाजुक बनी हुई है पीड़ितों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते हुए कथित डिग्री धारी डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि ऐसे डॉक्टर के खिलाफ यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई माननीय राष्ट्रपति राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा और यदि फिर भी लोगों की जान के दुश्मन बने ऐसे डॉक्टरों अस्पतालों के खिलाफ सख्त कदम न उठाए जाने पर दिल्ली के जंतर मंतर पर देशव्यापी धरना प्रदर्शन किया जाएगा। कुलदीप सहदेव ने इस बारे में सोशल मीडिया पर भी जानकारी शेयर करते हुए बताया है कि नगर के अग्रसेन रोड में रहने वाली अपने आप को एमबीबीएस डॉक्टर बताने वाली ने फोन कर उन्हें आश्वासन दिया था कि वह शीघ्र ही सामान्य प्रसव द्वारा बच्चे का जन्म करा देंगी। रात्रि 2 महिला को प्रसव के लिए अपने नर्सिंग होम में बुला लिया गया कुछ देर वहां रखने के बाद दवाइयां देकर यह कहते हुए घर भेज दिया गया कि सुबह 6 बजे महिला को लेकर आ जाओ उसी समय बच्चे का जन्म हो जाएगा। वह लोग बताएं समय पर गर्भवती महिला को प्रसव के लिए नर्सिंग होम लेकर पहुंचे जहां अनगिनत इंजेक्शन उसे दिए गए जिसके कारण महिला की हालत ज्यादा बिगड़ गई। किसी तरह से वह महिला को लेकर दूसरे अस्पताल पहुंचे जहां पता चला कि महिला की बच्चेदानी फट चुकी है और बच्चे की मृत्यु हो ।गई है परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया तो उल्टा उन्हें ही धमकाया गया। पत्र में कहा गया है कि बच्चे की जान चली गई लेकिन मां की हालत अभी भी खतरे में है । अभी कुछ दिन पूर्व ही रावली रोड स्थित एक नर्सिंग होम में बच्चे को जन्म देते समय अस्पताल की लापरवाही के कारण महिला की जान चली गई थी । शिकायत में आगे कहा गया है कि यह लोग मनमानी फीस जो ₹10000 से लाखों रुपए तक हो सकती है ले लेते हैं उसकी कोई रसीद लिखा पढ़ी भी नहीं की जाती यह लोगों की जान से तो खिलवाड़ कर ही रहे हैं टैक्स चोरी कर सरकार को भी मोटी रकम का चूना लगा रहे हैं। कहने के लिए मुरादनगर क्षेत्र चिकित्सा शिक्षा का हब बन चुका है लेकिन यहां के स्थानीय उन लोगों को उसका लाभ मिलने के बजाय उल्टे नुकसान ही उठाना पड़ रहा है ।सब कुछ जानते पूछते हुए भी स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालों डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करता जबकि आए दिन ऐसे मामले प्रकाश में आते रहते हैं। ऐसे तथाकथित डॉक्टर जो अपने आपको डिग्री धारी होने का दावा करते हैं क्षेत्र के लिए कलंक बने हुए हैं ।किसी मामले में जच्चा की जान जा रही है तो किसी में बच्चे की जान ली जा रही है। शिकायतों के बावजूद कार्यवाही न होने के कारण ऐसे तथाकथित डॉक्टरों अस्पतालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इस बारे में उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कम पढ़े लिखे लोग हैं। सरकारी अस्पताल द्वारा प्रत्येक गांव की गर्भवती महिलाओं बच्चों आदि की जानकारी के लिए कर्मचारी छोड़े हुए हैं लेकिन वह भी अपने कुछ कमीशन के चक्कर में जच्चा बच्चा दोनों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। जिन्हें सरकारी अस्पताल में ले जाना चाहिए उन्हें निजी अस्पतालों में ले जाकर भर्ती कराया जाता है जहां अनुभवहीन अनपढ़ ही सारा काम करते हैं। किसी किसी अस्पताल पर लोगों को भ्रमित करने के लिए डिग्री धारी डॉक्टरों के नाम की प्लेट लगाई हुई है लेकिन वह डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं होते। उन्होंने आरोप लगाया है कि उक्त डॉक्टर अपने आप को एमबीबीएस बताती है जबकि उसके कार्य झोलाछाप से भी अधिक निकृष्ट हैं। पत्र में चेतावनी दी गई है कि यदि डॉक्टर की शीघ्र गिरफ्तारी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त नहीं किया गया तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।