दीपक हत्याकांड: कटा सिर लेकर सड़क पर बैठे परिजन, खुलासे पर सवाल

चेतावनी-36 बिरादरी जुटकर न्याय के लिए करेंगी आंदोलन, डीएम, एसएसपी ने दिया आश्वासन

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। दीपक हत्याकांड में नया पेंच फंस गया है। परिजनों ने पुलिस द्वारा किए गए खुलासे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने जिसे आरोपी बताया है, परिजनों ने उसे कातिल मानने से इंकार कर दिया। परिजनों का आरोप है, पुलिस असली हत्यारोपियों को बचा रही है। सही खुलासे की मांग को लेकर परिजनों ने सड़क पर जाम लगा दिया। मृतक का कटा हुआ सिर सड़क पर रख दिया और हंगामा शुरू कर दिया। क्षेत्रीय विधायक व राज्य मंत्री दिनेश खटीक भी परिजनों के पास पहुंचे। डीएम व कप्तान ने आश्वासन दिया। परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की है।

गौरतलब है कि खजूरी निवासी दीपक की हत्या कर दी गई थी। जिसका खुलासा पुलिस ने सोमवार को किया था। इसमें पुलिस ने अवैध संबंधों में दीपक की हत्या का कारण बताया था। पुलिस के खुलासे पर परिजनों ने विरोध जता दिया और कटा हुआ सिर लेकर धरने पर बैठ गए। सूचना पाकर एसएसपी रोहित कुमार सजवाण पहुंचें, लेकिन वे ग्रामीण व परिजनों को समझा नहीं पाए। ग्रामीणों ने एसएसपी से कहा, मुख्यमंत्री से बात कराओ, इस केस की सीबीआई जांच कराओ, तभी त्यागी समाज मानेगा। ग्रामीणों का कहना था, पुलिस ने उन लोगों को बचाया है, जो दीपक की हत्या में मुख्य आरोपी हैं। इस मामले में बड़ी साजिश चल रही है। पीड़ित परिवार को बताया जाए कि उनके बेटे का कटा हुआ सिर कहां पर रखा हुआ था। गड्ढे में सिर को छुपाया था, ये बात गलत है। पुलिस सही-सही बात बताएगी तो ग्रामीण उठ जाएंगे। अन्यथा ये धरना अनिश्चित काल के लिए चलता रहेगा। किसान नेता मांगेराम त्यागी और समाजसेवी सचिन सिरोही को पुलिस ने काफी मनाया, लेकिन वे नहीं माने। धरने का नेतृत्व कर रहे मांगेराम त्यागी का कहना है कि ये सर्व समाज का धरना है और दीपक को इंसाफ दिलाने के लिए सब लोग बैठे हैं। एहतियात के तौर पर गांव के चारों ओर पुलिस तैनात है। विश्व हिंदू परिषद के नेता दीपक त्यागी का कहना है कि पुलिस ग्रामीणों के सब्र का इम्तिहान ले रही हैं। पुलिस ने जल्द ही निस्तारण नहीं किया तो वे दीपक के कटे हुए सिर को लेकर हजार लोगों की भीड़ के साथ एसएसपी के आॅफिस पर पहुंचेंगे।

पांच सूत्रीय मांगों पर बनी सहमति
मंगलवार को परीक्षितगढ़ रोड पर खजूरी में 20 घंटे से अधिक हो गए, लेकिन ग्रामीण सड़क से नहीं उठे। डीएम दीपक मीणा व एसएसपी रोहित साजवान ग्रामीणों के बीच पहुंचे। उन्होंने परिजनों से वार्ता की। ग्रामीण और परिजनों से वार्ता के बाद पांच सूत्रीय मांगों पर सहमति बन गई। उक्त मांगों को 8 अक्टूबर तक पूरी करने का आश्वासन दिया गया। ग्रामीणें ने कहा, अगर मागें पूरी नहीं हुई तो 36 बिरादरी जुटकर न्याय के लिए आंदोलन करेंगी।

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