
त्रिपुरा के एक 24 साल के युवा छात्र एंजेल चकमा की देहरादून में दर्दनाक मौत हो गई. यह घटना नस्लीय भेदभाव और हिंसा की वजह से हुई, जिसने पूरे पूर्वोत्तर भारत में गुस्सा और दुख की लहर पैदा कर दी है. एंजेल चकमा त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के नंदनगर गांव के रहने वाले थे. वे देहरादून में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में एमबीए की अंतिम साल की पढ़ाई कर रहे थे. उनकी मौत 25 या 26 दिसंबर 2025 को अस्पताल में इलाज के दौरान हुई. इससे पहले 9 दिसंबर 2025 को देहरादून के सेलाकुई इलाके में उन पर हमला हुआ था.
एंजेल के पिता तरुण प्रसाद चकमा, जो बीएसएफ में जवान हैं, बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि उनका बेटा सिर्फ सब्जी खरीदने गया था, लेकिन नस्लीय गालियों का विरोध करने पर उसे मार डाला गया. वे नहीं चाहते कि पूर्वोत्तर का कोई और बच्चा ऐसी घटना का शिकार बने. उन्होंने उत्तराखंड सरकार से पूर्वोत्तर के छात्रों की सुरक्षा बढ़ाने की अपील की. पिता ने पोस्टमार्टम पर भी सवाल उठाए और जल्द न्याय की मांग की. पूर्वोत्तर के छात्र संगठनों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं.
मजबूत कानून बनाने की मांग
वे नस्लीय घृणा अपराधों के खिलाफ पूरे देश में एक मजबूत कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. वे कहते हैं कि पूर्वोत्तर के लोग बाहर पढ़ाई या नौकरी करने जाते हैं, लेकिन अक्सर ऐसे भेदभाव का सामना करते हैं. यह घटना हमें याद दिलाती है कि नस्लीय भेदभाव कितना खतरनाक हो सकता है. एंजेल जैसे युवा सिर्फ बेहतर भविष्य के लिए पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन एक छोटी सी बात ने उनकी जिंदगी छीन ली. उम्मीद है कि दोषी जल्द सजा पाएं और पूर्वोत्तर के लोगों के लिए सुरक्षित माहौल बने. एंजेल के परिवार को इस दुख की घड़ी में बहुत हिम्मत मिले.
🚨Dehradun, Uttarakhand
>Anjel Chakma, a 24-year-old MBA student from Tripura
>He was studying at a university in Dehradun
>He went out to buy groceries with his brother
>A group of men began hurling racist & derogatory slurs.
>They referred to them using insulting terms as they… pic.twitter.com/66TbbBxtru— Mohit Chauhan (@mohitlaws) December 28, 2025
सरकार और नेताओं की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसी घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. अराजक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. राज्य में रहने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. सीएम धामी ने एंजेल के परिवार को सांत्वना दी और फरार आरोपी की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी उत्तराखंड सीएम से बात की और न्याय की मांग की. उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.
घटना कैसे हुई?
9 दिसंबर की शाम को एंजेल अपने छोटे भाई माइकल चकमा के साथ सेलाकुई बाजार में सब्जी या घर का सामान खरीदने गए थे. वहां कुछ स्थानीय युवक नशे में थे और वे बर्थडे की पार्टी मना रहे थे. इन युवकों ने एंजेल और माइकल को देखकर नस्लीय गालियां दी. उन्हें “चीनी”, ‘चिंकी’, ‘मोमो’ जैसे अपमानजनक शब्द कहे. पूर्वोत्तर के लोगों को अक्सर उनकी आंखों और चेहरे की बनावट की वजह से ऐसे अपशब्द सुनने पड़ते हैं. एंजेल ने शांतिपूर्वक इसका विरोध किया. उन्होंने कहा, ‘हम चीनी नहीं हैं, हम भारतीय हैं. हमें यह साबित करने के लिए कौन सा प्रमाण पत्र दिखाना पड़ेगा? लेकिन इसके बजाय स्थिति और बिगड़ गई. आरोपियों ने दोनों भाइयों पर हमला कर दिया. एक आरोपी ने माइकल के सिर पर भारी कड़ा (ब्रेसलेट) से मारा. एंजेल जब अपने भाई को बचाने आए, तो मुख्य आरोपी यज्ञराज अवस्थी ने उन पर चाकू से कई बार वार किए. चाकू गर्दन, सिर, पीठ और रीढ़ की हड्डी पर लगा. एंजेल गंभीर रूप से घायल हो गए और वहीं गिर पड़े. माइकल ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन 16-17 दिनों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद एंजेल की मौत हो गई. माइकल भी घायल हुए, लेकिन उनकी हालत अब ठीक है
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने माइकल की शिकायत पर मामला दर्ज किया. पहले हमले और घायल करने के आरोप लगे, लेकिन एंजेल की मौत के बाद हत्या का केस जोड़ दिया गया. कुल छह आरोपियों में से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें दो नाबालिग हैं, जिन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया है. बाकी तीन को जेल भेजा गया है. मुख्य आरोपी यज्ञराज अवस्थी नेपाल का रहने वाला है. वह घटना के बाद फरार हो गया और पुलिस को शक है कि वह नेपाल भाग गया. उसकी गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है. पुलिस की एक टीम नेपाल गई है और दूसरी टीम हरिद्वार में तलाश कर रही है, क्योंकि वह पहले हरिद्वार में पढ़ाई कर रहा था. नेपाल पुलिस से भी मदद मांगी गई है. उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि फरार आरोपी जल्द पकड़ा जाएगा.















