दिल्ली के शाही ईदगाह के पास डीडीए पार्क में रानी लक्ष्मी बाई की मूर्ति स्थापना का कार्य हाल ही में फिर से शुरू हुआ है। यह मूर्ति स्थापना परियोजना कुछ समय के लिए ठप थी, लेकिन अब इसे एक नई दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है। रानी लक्ष्मी बाई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण प्रतीक हैं। उनकी वीरता और नेतृत्व कौशल ने न केवल भारतीय महिलाओं को प्रेरित किया बल्कि पूरे देश के स्वतंत्रता सेनानियों में भी जोश भर दिया।
इस मूर्ति का निर्माण उन आदर्शों को दर्शाता है जिनके लिए रानी लक्ष्मी बाई ने अपनी जिंदगी कुर्बान की। उन्हें झाँसी की रानी के रूप में जाना जाता है और उन्होंने 1857 की पहली स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी बहादुरी और संघर्ष ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया है। इस मूर्ति की स्थापना से न केवल उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया जाएगा, बल्कि यह नई पीढ़ी को भी उनके जीवन और संघर्ष की कहानी से परिचित कराने का एक माध्यम बनेगा।
डीडीए पार्क में इस मूर्ति के स्थापित होने से स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण पैदा होगा। यह पार्क न केवल एक मनोरंजन स्थल होगा, बल्कि एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में भी पहचाना जाएगा। ऐसे स्थानों का निर्माण हमारे सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने और उसे बढ़ावा देने का एक प्रयास है।
स्थानीय प्रशासन ने इस परियोजना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि कार्य समय पर पूरा हो सके। मूर्ति की स्थापना के बाद, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, जो रानी लक्ष्मी बाई की विरासत को जीवित रखने में मदद करेगा। इस तरह, यह परियोजना न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे समाज के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनेगी।