दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो से ओल्ड राजिंदर नगर में तीन आईएएस उम्मीदवारों की मौत के सिलसिले में बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को करेगी। चारों सह-मालिकों ने दलील दी है कि वे केवल बेसमेंट के मकान मालिक थे, जिसे कोचिंग सेंटर को किराए पर दिया गया था,
इसलिए इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है। सत्र न्यायालय ने इससे पहले बेसमेंट के सह-मालिकों – परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह – की जमानत याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि सीबीआई जांच प्रारंभिक चरण में है और उनकी विशिष्ट भूमिकाओं का पता लगाया जाना है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) सहित इस मामले की जांच की जा रही थी, जिसे उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया था।
उच्च न्यायालय में दायर आवेदन में सह-मालिकों में से एक ने कहा कि निचली अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए इस बात पर विचार नहीं किया कि सह-मालिकों ने कोचिंग सेंटर चलाने के लिए इमारत के बेसमेंट और तीसरी मंजिल को पट्टे पर दे दिया था, जो कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मानदंडों के तहत स्वीकार्य गतिविधि है, और उनका कभी भी ऐसा अपराध करने का इरादा नहीं था और न ही उन्हें इसकी कोई जानकारी थी।