दिल्ली में दीपावली के 48 घंटे बाद हवा और जहरीली हो गई है। 13 नवंबर को सुबह 7 बजे दिल्ली का ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 275 था। 14 नवंबर को सुबह 9 बजे रियल टाइम AQI 361 रिकॉर्ड किया गया। कई इलाकों में यह आंकड़ा 400 के पार पहुंच गया।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, आरकेपुरम में मंगलवार को AQI 417, पंजाबी बाग में 430 और जहांगीरपुरी में 428 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि बैन के बावजूद 12 और 13 नवंबर को पटाखे जलाए गए। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। आने वाले दिनों में एयर क्वालिटी और खराब होने की आशंका है।
दिल्ली में 9 और 10 नवंबर को बारिश की वजह से हवा में प्रदूषण का स्तर 50% कम हो गया था। 11-12 नवंबर को दिल्ली में AQI 250 से कम था, लेकिन 13 नवंबर सुबह 6 बजे जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में रियल टाइम AQI 910, लाजपत नगर में 959 और करोल बाग में 779 दर्ज किया गया। यानी 23 घंटे में प्रदूषण 4 गुना से ज्यादा बढ़ गया।
इधर, दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML) में स्पेशल पॉल्यूशन OPD खोलने की तैयारी की जा रही है। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. अजय शुक्ला ने बताया कि प्रदूषण से इंसान के कई अंगों पर असर पड़ता है। इसलिए OPD में मल्टी डिपार्टमेंट क्लिनिक भी शामिल होगा। इसमें E&T, स्किन, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट, आंख, साइकेट्रिक सहित पांच डिपार्टमेंट होंगे।
PM2.5 का लेवल 45% तो PM10 33% तक बढ़ा
दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले इस साल दीपावली के मौके पर PM2.5 (PM यानी पार्टिकुलेट मैटर) का लेवल 45% तो PM10 का स्तर 33% तक बढ़ गया था। इस साल दीपावली पर हवा में PM2.5 का कंसन्ट्रेशन 314 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, जो पिछले साल 217 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड किया गया था। वहीं, इस साल हवा में PM10 का कंसन्ट्रेशन 430 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, जो पिछले साल 322 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड किया गया था।
पार्टिकुलेट मैटर प्रदूषण के कण की मोटाई मापने की यूनिट माइक्रॉन है। इंसान का बाल औसतन 50-70 माइक्रॉन जबकि समुद्र तट की रेत का एक कण 90 माइक्रॉन मोटा होता है। PM2.5 और PM10 इसकी तुलना में काफी छोटे होते हैं। ये सांस लेने के दौरान हमारी नाक के जरिए शरीर के अंदर आसानी से जा सकते हैं। इनका हवा में ज्यादा होना शरीर पर विपरीत प्रभाव डालता है।
पार्टिकुलेट मैटर प्रदूषण के कण की मोटाई मापने की यूनिट माइक्रॉन है। इंसान का बाल औसतन 50-70 माइक्रॉन जबकि समुद्र तट की रेत का एक कण 90 माइक्रॉन मोटा होता है। PM2.5 और PM10 इसकी तुलना में काफी छोटे होते हैं। ये सांस लेने के दौरान हमारी नाक के जरिए शरीर के अंदर आसानी से जा सकते हैं। इनका हवा में ज्यादा होना शरीर पर विपरीत प्रभाव डालता है।
दिल्ली सरकार ने भाजपा को प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराया
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दीपावली के बाद बढ़े प्रदूषण के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 13 नवंबर को कहा कि दिल्ली में उत्तर प्रदेश और हरियाणा से पटाखे लाए गए थे। अगर दोनों राज्यों में पटाखों पर बैन होता तो दिल्ली में आतिशबाजी नहीं होती। दिल्ली, यूपी और हरियाणा, तीनों राज्यों की पुलिस निगरानी में लगी थी। इसके बावजूद दिल्ली में पटाखे लाए गए। जबकि, तीनों राज्यों की पुलिस पर भाजपा का नियंत्रण है।
प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने ये कदम उठाए
दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड ओला-उबर सहित ऐप बेस्ड दूसरी टैक्सियों की एंट्री पर बैन है। राज्य में सिर्फ दिल्ली रजिस्टर्ड ऐप बेस्ड टैक्सियां की चलाने की अनुमति है। दिल्ली में कंस्ट्रक्शन पर पाबंदी है। सड़क, हाईवे, फ्लाइओवर, ओवर ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन समेत सभी तरह के डेवलपमेंट गतिविधियों पर भी रोक है।
जरूरी सामान ला रहे डीजल ट्रकों और LNG, CNG, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर सभी ट्रकों की एंट्री बंद है। BS-3 कैटेगरी वाले पेट्रोल और BS-4 कैटेगरी वाले डीजल वाहन भी प्रतिबंधित है। दिल्ली में पटाखों पर बैन है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दीपावली के बाद वर्ल्ड कप मैच और छठ के दौरान भी दिल्ली पुलिस को निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
दिल्ली में प्रदूषण के कारण स्कूलों में 9 से 18 नवंबर तक सर्दी की छुट्टियां कर दी गई हैं। हर साल दिसंबर-जनवरी के बीच स्कूलों में विंटर वेकेशन होता था। दिल्ली सरकार के मंत्रियों को प्रदूषण के खिलाफ ग्राउंड लेवल पर काम करने को कहा गया है। सभी मंत्री दिल्ली के अलग-अलग जिलों में निगरानी करेंगे।
दिल्ली में GRAP-IV लागू
बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली में 5 नवंबर से GRAP का चौथा स्टेज लागू है। इसके तहत कॉमर्शियल गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। सब्जी, फल, दवा जैसे जरूरी सामान की आपूर्ति करने वाले, CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर बाकी ट्रकों की आवाजाही प्रतिबंधित है। किसी जगह पर GRAP-IV तब लगाया जाता है, जब वहां का AQI लास्ट स्टेज यानी 450-500 के बीच पहुंच जाता है। दिल्ली में GRAP-IV लागू होने के साथ ही GRAP-I, II और III के नियम भी लागू हैं। इनके तहत गैर-जरूरी कंस्ट्रक्शन वर्क, BS-3 कैटेगरी वाले पेट्रोल और BS-4 कैटेगरी वाले डीजल, चार पहिया वाहनों पर बैन है।
किसी जगह पर GRAP-IV तब लगाया जाता है, जब वहां का AQI लास्ट स्टेज यानी 450-500 के बीच पहुंच जाता है। दिल्ली में GRAP-IV लागू होने के साथ ही GRAP-I, II और III के नियम भी लागू हैं। इनके तहत गैर-जरूरी कंस्ट्रक्शन वर्क, BS-3 कैटेगरी वाले पेट्रोल और BS-4 कैटेगरी वाले डीजल, चार पहिया वाहनों पर बैन है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- हमारा बुलडोजर चला तो रुकेगा नहीं
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 7 नवंबर को सुनवाई हुई थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बेरियम से बने पटाखों पर बैन सिर्फ दिल्ली-NCR नहीं, बल्कि हर राज्य पर लागू होता है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, UP, और हरियाणा की सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा था कि प्रदूषण को लेकर हमारा सब्र खत्म हो रहा है। अगर हमने एक्शन लिया तो हमारा बुलडोजर रुकेगा नहीं।
अक्टूबर से फरवरी के बीच दिल्ली में सर्दी का सीजन होता है। इस दौरान दिल्ली के प्रदूषण के चर्चे पूरी दुनिया में होते हैं। पुणे स्थित मौसम विज्ञान प्रशिक्षण संस्थान की वैज्ञानिक ममता यादव ने बताया कि सर्दियों में एयर पॉल्यूशन का बढ़ना एक ग्लोबल फिनोमिना है। पूरी दुनिया में सर्दियां बढ़ने पर पॉल्यूशन बढ़ता है। ग्रीन ऐप, वॉर रूम, फिर क्यों गैस चैंबर बनी दिल्ली:एक साल में पॉल्यूशन फ्री बनाने का वादा था, अब हालात और खराब।
4 नवंबर 2022, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और पंजाब के CM भगवंत मान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस की। दिल्ली के पॉल्यूशन पर अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘अगले सीजन में आपको ये तकलीफ नहीं होने देंगे।’ इसके ठीक एक साल बाद 5 नवंबर 2023 को दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स, यानी AQI 900 के पार पहुंच गया।