देवरिया। देवरिया के शेल्टर होम से भागी लड़की ने जो आरोप शेल्टर होम संचालकों पर लगाए हैं, वे बेहद गंभीर हैं। छुड़ाई गई लड़कियों ने जो कहानी सुनाई है वो रोंगटे खड़े कर देने वाली है। सूत्रों के मुताबिक शेल्टर होम के पीछे वाली गली में चार पहिया गाड़ी शाम को 4 बजे आकर रुकती थी। उसके बाद उसमें संरक्षण गृह की बड़ी दो लड़कियों को भेजा जाता था। उनके साथ छोटी बच्चियां भी भेजी जाती थी। सभी लोग सुबह 6 बजे के करीब वापस लौटते थे। सुबह उनके हाथों 500 से 1500 रुपए तक दिए जाते थे।
करीब 18 लड़कियां अभी भी गायब
देवरिया के इस शेल्टर होम से 24 लड़कियों को मुक्त कराया गया है और करीब 18 लड़कियां अभी भी गायब हैं। शेल्टर होम को प्रशासन ने सील कर दिया है। लड़कियों ने पुलिस को बताया है कि किस तरह गाडिय़ों से लोग शेल्टर होम में आते थे और यहां से लड़कियों को ले जाते थे। पीडि़ता के मुताबिक, महीने में 5-6 बार उन्हें बड़ी दीदियों के साथ गोरखपुर भेजा जाता था। जहां उनके साथ गलत काम किया जाता था। गोरखपुर में एक कमरे पर उन्हें ले जाया जाता था, जहां और भी बड़ी लड़कियां होती थीं। वहां लड़के भी होते थे।
लड़कियों को सजा-धजाकर तैयार कर भेजा जाता था गोरखपुर
मासूम पीडि़ता ने बताया कि उसके साथ कुछ भी गलत नहीं किया गया, लेकिन बड़ी दीदीयों को लड़कों के साथ भेजा जाता था। सुबह 6 बजे जब वापस होना होता था तो उनके हाथ में पैसे होते थे। पीडि़ता ने कहा कि गाड़ी में उसके साथ बड़ी मैम (संचालिका गिरिजा त्रिपाठी) खुद जाती थीं। गोरखपुर ले जाने से पहले लड़कियों को सजा-धजाकर तैयार भी किया जाता था। इससे पहले देवरिया के मां विंध्यवासिनी संरक्षण गृह में चल रहे देह व्यापार का खुलासा करने वाली 10 साल की मासूम ने जो कुछ भी पुलिस को बताया, वो होश फाख्ता करने वाला था।
रविवार शाम को मासूम किसी तरह महिला थाने पहुंची और शेल्टर होम की करतूत का खुलासा किया। बच्ची जन्म से ही शेल्टर होम में रह रही है। इस बच्ची ने पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई। उसने बताया कि वह बिहार की रहने वाली है। उसकी मां की मौत तीन साल पहले हो गई थी। पिता ने दूसरी शादी करके उसे घर से निकाल दिया था। ननिहाल में भी उसे किसी ने आश्रय नहीं दिया। वह सड़क पर आ गई तो कुछ लोगों ने पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने उसे इस शेल्टर होम में लाकर रख दिया था। तब से वह यहीं रह रही थी।
पांच लोग गिरफ्तार, शेल्टर होम सील
जिले के एसपी ने बताया कि बालिका संरक्षण गृह में जिस्मफरोशी की शिकायत पर संचालिका समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यहां यौन शोषण के आरोपों के बाद 24 लड़कियां मुक्तकराई गईं है। 18 लड़कियां अभी भी लापता है और शेल्टर होम को सील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला कि यहां रह रहीं 15 से 18 साल की लड़कियों से अवैध धंधा कराया जा रहा है। इस बात के सामने आने पर पुलिस ने मौके से 24 महिलाओं और बच्चों को मुक्त कराया गया है। संस्था को सिल कराकर संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उसके पति मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
CM ने डीएम को हटाया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया के जिला मुख्यालय में स्थित बालिका गृह से सेक्स रैकेट के मामले में कड़ा रूख अपनाते हुये जिलाधिकारी सुजीत कुमार को हटा दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य बालिका और बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, राज्य के मुख्य सचिव गृह अरविंद कुमार, प्रमुख सचिव (महिला कल्याण) रेणुका कुमार और पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह को देवरिया के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। सोमवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार से इस मामले की जांच करने और शाम तक रिपोर्ट सौपने का आदेश दिया है। अधिकारी लखनऊ से सरकारी हेलिकॉप्टर द्वारा देवरिया पहुंचे गये हैं।
प्रदेश के सभी बालगृहों के जांच के निर्देश
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया के नारी संरक्षण गृह की घटना को गंभीरता से लिया है और प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को बाल गृह व महिला संरक्षण गृह का निरीक्षण करने का निर्देश दे दिया है। उन्होंने कहा कि इस पर ध्यान दिया जाए कि वहां पर रहने वाले बच्चों व महिलाओं को किसी तरह की मुश्किल न हो साथ ही उन्होंने इन गृहों में सुरक्षा प्रबंध और कड़े करने का निर्देश दिये हैं।