
कैसरगंज/बहराइच l कैसरगंज तहसील के अंतर्गत गजाधरपुर में रामनरायन गुप्ता के यहां पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ में कथा के छठवे दिन कथा व्यास आचार्य रोशन लाल शास्त्री महाराज ने रुकमणी कृष्ण विवाह की कथा कहि कथा आचार्य बताते है।
बिधर्भ देश के राजा भीष्मक की पुत्री के रूप में आदि सक्ति का अवतार हुआ था जिनका विवाह राजा भीष्मक भगवान कृष्ण के साथ करना चाहते थे लेकिन रुक्मणी के भाई रुक्मी ने इसका विरोध किया रुक्मी चाहता था l कि रुक्मणी का विवाह चंदेली नरेश दमघोष पुत्र शिशुपाल के साथ किया जाए जिसका लग्न आदि टीका रुक्मी ने शिशुपाल का कर दिया था शादी के तिथि से ठीक तीन दिन पहले रुक्मणी ने अपना श्रद्धा रूपी प्रेम पत्र पुरोहित के माध्यम से भगवान कृष्ण के पास द्वारिका भेजा रुक्मणी का पत्र पाकर के भगवान कृष्ण कुंदन पुर आते है और महासंग्राम के साथ रुक्मणी को द्वारिका पुरी लेकर जाते है ।
और इस तरह रुकमणी कृष्ण का विवाह सम्पन हुआ। मुख्य यजमान रामनरायन गुप्ता सपत्नी सहित पूजन आदि का कार्य सम्पन कर सैकङो महिला व पुरषो ने श्रीमद भागवत महायज्ञ स्थल की परिक्रमा के साथ सायं कथा परबचन तथा आरती में भाग लिया इस अवसर पर रामु गौड़, दीपक,नन्नकु, रमेश चन्द्र राहुल, राधे, पलटू,नन्दू, यमुना प्रसाद, सुरफुर, सावली प्रसाद, शिवम, आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।










