नई दिल्ली : अटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने सोमवार को जब यह कहा कि जजों की सैलरी तिगुनी होनी चाहिए तो शायद उनके दिमाग में सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा संपत्ति को लेकर दिया गया घोषणापत्र रहा होगा। खासकर विदा हो रहे सीजेआई दीपक मिश्रा और नए सीजेआई रंजन गोगोई की संपत्तियां उनके जेहन में रही होंगी। बता दें कि जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को 46वें सीजेआई (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यानी भारत के प्रधान न्यायाधीश) के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में सुबह पौने 11 बजे के करीब उन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शपथ दिलाई। वह सीजेआई बनने वाले पूर्वोत्तर से पहले जज हैं। उनके पिता असम के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
2001 में हाई कोर्ट के जज बने थे गोगोई
इससे पहले, पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा उच्च न्यायपालिका में स्थायी जज के तौर पर 21 सालों की सेवा के बाद रिटायर हुए। इनमें से 14 साल वह अलग-अलग हाई कोर्ट में जज रहें। दूसरी तरफ, जस्टिस गोगोई 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाई कोर्ट के जज बने थे और 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में शपथ ली।
बड़े वकीलों की एक दिन की कमाई से भी कम हैकुल संपत्ति
हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज लंबे कार्यकाल के बावजूद इनकी निजी संपत्तियां मामूली ही बनी रहीं। कामयाब वरिष्ठ वकीलों के मुकाबले तो इनकी संपत्तियां कुछ भी नहीं हैं। अगर इनके बैंक बैलेंस में जीवनभर की बचत और दूसरी संपत्तियों को एक साथ करके भी देखें तो यह तमाम वरिष्ठ वकीलों की एक दिन की कमाई से भी कम होगी।
सीजेआई के पास नहीं है एक भी जूलरी, न ही कोई कार
सीजेआई गोगोई के पास सोने की एक भी जूलरी नहीं है, वहीं उनकी पत्नी के पास भी जो कुछ भी जूलरी हैं, वो शादी के वक्त उनके माता-पिता, रिश्तेदारों और दोस्तों की तरफ से भेंट में दी गई हैं। पूर्व सीजेआई मिश्रा के पास सोने की 2 अंगुठियां हैं, जिन्हें वह पहनते हैं। इसके अलावा उनके पास एक गोल्ड चेन है। उनकी पत्नी के पास जस्टिस गोगोई की पत्नी के मुकाबले थोड़ी सी ज्यादा जूलरी है। जस्टिस मिश्रा और जस्टिस गोगोई दोनों के ही पास अपनी कोई व्यक्तिगत गाड़ी नहीं है। शायद इसकी वजह उन्हें मिली सरकारी गाड़ी हो।
Delhi: Justice Ranjan Gogoi takes oath as the Chief Justice of India (CJI) at Rashtrapati Bhavan. pic.twitter.com/g8d6HsSzgL
— ANI (@ANI) October 3, 2018
CJI के पास अपना घर नहीं, पूर्व CJI के पास होमलोन पर एक फ्लैट
सीजेआई गोगोई पर कोई कर्ज या दूसरी देनदारियां नहीं हैं। वहीं, पूर्व सीजेआई मिश्रा ने दिल्ली के मूयर विहार में एक फ्लैट खरीदने के लिए 22.5 लाख रुपये का लोन लिया है, जिसकी किस्तें वह चुका रहे हैं। मिश्रा के पास कटक में एक अन्य घर भी है, जिसे उनके हाई कोर्ट का जज बनने से एक दशक पहले बनाया गया था। जस्टिस मिश्रा और जस्टिस गोगोई दोनों ने ही 2012 में अपनी संपत्तियों की घोषणा की थी।
CJI गोगोई और पत्नी के पास कुल 30 लाख रुपये का बैंक बैलेंस
एलआईसी पॉलिसी समेत CJI गोगोई और उनकी पत्नी के पास कुल मिलाकर 30 लाख रुपये बैंक बैलेंस है। जुलाई में उन्होंने शपथपत्र में घोषणा की थी कि उन्होंने गुवाहाटी के बेलटोला में हाई कोर्ट का जज बनने से पहल ही 1999 में एक प्लॉट खरीदा था। उन्होंने अपने घोषणापत्र में बताया है कि उस प्लॉट को उन्होंने जून में 65 लाख रुपये में बेच दिया था। उन्होंने खरीदार के नाम का भी जिक्र किया है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी मां ने जून 2015 में गुवाहाटी के नजदीक जैपोरिगोग गांव में जमीन का एक प्लॉट उनके और उनकी पत्नी के नाम ट्रांसफर किया था।
बड़े वकीलों की एक दिन की कमाई ही 50 लाख रुपये से ज्यादा
दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के सफल वरिष्ठ वकील एक दिन में ही 50 लाख रुपये से ज्यादा कमा लेते हैं। सोमवार को सीजेआई के तौर पर मिश्रा के विदाई समारोह में जब अटर्नी जनरल वेणुगोपाल जजों की सैलरी पर बोल रहे थे तो शायद उनके दिमाग में सुप्रीम कोर्ट के जजों की एक लाख रुपये प्रति महीने की सैलरी रही हो। हालांकि जजों को सैलरी के अलावा भत्ते और शानदार आवास जैसी दूसरी अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं। लेकिन बात अगर पैसों की करें तो जज सीनियर ऐडवोकेट्स के मुकाबले बहुत पीछे हैं।