रत्नत्रय प्राप्त करने का मार्ग दिखाते हैं देव-शास्त्र-गुरु

भास्कर समाचार सेवा

फिरोजाबाद। नसियाजी मन्दिर में आर्यिका अर्ह्मश्री माताजी के ससंघ प्रवास के अंतिम दिन प्रवचन सभा हुई। जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी। महिला मंडल ने शास्त्र भेंट किए। चित्र अनावरण सोनू जैन स्पोर्ट्स एवं दीप प्रज्ज्वलन डॉ. महेन्द्र जैन ने किया। आर्यिका अर्ह्मश्री माताजी ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें रत्न के पीछे नहीं, रत्नत्रय के पीछे भागना चाहिए। हमारा रत्नत्रय ही हमें त्रियंच गति, नरक गति से बचाता है। रत्नत्रय पाने का मार्ग हमें सच्चे देव-शास्त्र-गुरु दिखलाते हैं, इसे पाने का पुरुषार्थ हमें स्वयं करना होगा। आर्यिकाश्री ने प्रवचनों में बताया कि हमें 12 प्रकार की अविरति, 6 प्रकार के प्रमाद, कषाय इत्यादि से बचना चाहिये। उन्होंने भजन की पंक्तियों को सुनाया- तेरी छत्रछाया भगवन, मेरे सर पर हो, मेरा अंतिम मरण समाधि, तेरे दर पर हो। संचालन राहुल जैन इसौली ने किया। धर्मसभा में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ के साथ रजनी जैन, रश्मि जैन, बबिता जैन, सरोज जैन, कंचन जैन आदि मौजूद रहे।

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