असम में तबाही : भारी बारिश से अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन, तेज बहाव में जा पलटी ट्रेन

उत्तर भारत इन दिनों गर्म लू के थपेड़ों से परेशान है। सुबह के 8 बजते ही तेज धूप निकल जा रही है। 10 बजे के बाद तो भीषण गर्मी के कारण सड़कों पर निकलने का मन नहीं करता। लेकिन इसी समय भारत के एक राज्य में बाढ़ तबाही मचा रही है। जी हां, पूर्वोत्तर का द्वार कहे जाने वाले असम में इन दिनों भारी बारिश और से जनजीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त है। आलम यह है कि स्टेशन तक डूब चुका है। पानी के तेज बहाव में पटरी पर खड़ी ट्रेन तक पलट गई। पूरा-पूरा जिला डूबा हुआ है। लोग जैसे-तैसे ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।

दो लाख से अधिक लोग पानी में घिरे

असम स्टेट डिजास्टर अथॉरिटी के अनुसार राज्य के 24 जिले इस समय बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित है। इन जिलों के दो लाख से अधिक लोग पानी में घिरे है। लगातार बारिश से कई जिलों का सड़क व रेल संपर्क टूट गया है। राज्य आपदा प्रबंधन के अनुसार अभी तक सात लोगों की मौत बाढ़ और लैंड स्लाइड की वजह से हो गई है। कछार, दीमा हसाओ, होजई, लखीमपुर, नगांव जैसों जिलों में बाढ़ के कारण कई सड़कें, पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कछार जिला प्रशासन ने 55 राहत शिविर और 12 वितरण केंद्र स्थापित किए हैं जिनमें 32,959 बाढ़ प्रभावितों ने शरण ली है।

तबाही का वायरल वीडियो

लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के कारण राज्य की कई नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी है। इस बीच असर के हॉफलोंग रेलवे स्टेशन की एक तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। इस तस्वीर में हाफलोंग स्टेशन बाढ़ के पानी में घिरा हुआ दिख रहा है। स्टेशन पर एक ट्रेन खड़ी है, जबकि दूसरी ट्रेन पलट चुकी है। बताया जाता है कि पानी के तेज बहाव में हाफलोंग स्टेशन पर खड़ी एक ट्रेन को पलट दिया। हालांकि गनीमत यह रहा कि उक्त ट्रेन खाली थी।

रद्द हुई इतनी ट्रेनें

राज्य आपदा प्रबंधन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों में विभिन्न जिलों में 16 स्थानों पर तटबंध टूट गए हैं। कई इलाकों में सड़कें, पुल और घर बनकर तैयार हो गए हैं या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। दीमा हसाओ में संचार चैनल भी बंद कर दिए गए हैं। न्यू हॉफलांग रेलवे स्टेशन पूरी तरह डूब गया है और स्टेशन पर खड़ी एक खाली ट्रेन भारी भू स्खलन के कारण बाढ़ में बह गई। करीब 18 ट्रेनों को निरस्त किया गया है जबकि 10 को रास्तों में रोका गया है।

ट्रेनों में फंसे 2800 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया

इधर गुवाहाटी में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने बताया कि भूस्खलन और पटरियों पर जलभराव के कारण पिछले दो दिनों से दीमा हसाओ में लुमडिंग-बदरपुर खंड पर फंसे दो ट्रेनों के लगभग 2,800 यात्रियों को निकालने का काम पूरा हो गया। बताया गया कि असम का कछार जिला बाढ़ से सबसे ज्‍यादा प्रभावित है। 33 हजार लागों को सुरक्षित कैंप में पहुंचाया गया है।

जिलों में दस राहत शिविर लगाए गए

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सीईओ जीडी त्रिपाठी ने बताया कि बारिश और बाढ़ के कारण नुकसान की रिपोर्ट्स मंगवाई जा रही हैं। दीमा हसाओ के अलावा पांच अन्य जिलों से भी बाढ़ की खबर है। बाढ़ और बारिश से तबाही को देखते हुए दो जिलों में दस राहत शिविर लगाए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को मदद और बचाव कार्यों में सेना और अर्धसैनिक बलों को भी लगाया गया है।

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