अशोक गहलोत कैबिनेट में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले शांति धारीवाल इन दिनों विवादों से घिरे हुए हैं। रेप को मर्दों से जोड़कर विवादित बयान देने वाले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल अब कामकाज की शैली को लेकर साथी मंत्रियों के निशाने पर आ गए हैं।
शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सीएम गहलोत की मौजूदगी में धारीवाल पर पक्षपात करने और पिक एंड चूज के आधार पर अतिक्रमण तोड़ने के नाम पर कार्रवाई करने के आरोप लगे। तीनों मंत्रियों ने बैठक में आरोप लगाए तो धारीवाल भी उलझ गए। कैबिनेट की बैठक में धारीवाल को लेकर खूब विवाद हुआ।
इस दौरान कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने धारीवाल पर पक्षपात का आरोप लगाया। स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने भी सवाल उठाए। विवाद की शुरुआत तब हुई जब बैठक में प्रदेश में 31 दिसंबर 2018 तक की कृषि भूमि से अकृषि में परिवर्तन कर नियमन करने का एजेंडा आया। मंत्री प्रतापसिंह और लालचंद कटारिया ने इसका विरोध किया।
मंत्रियों का तर्क था कि जब प्रशासन शहरों के संग अभियान में शहरों में नियमन ही करना है तो 2018 क्यों, 2021 तक बने मकानों का कीजिए। तीन साल बाद वालों ने क्या गुनाह किया है? मंत्री लालचंद कटारिया ने इस पर विरोध करते हुए कहा कि फिर वही काम शुरू हो गया। पहले भी इसे लेकर काफी विवाद रहे हैं। प्रताप सिंह जी बैठे हैं इनसे पूछ लीजिए। खाचरियावास भी समर्थन में उतर गए।
एजेंडे में 2018 तक के मकानों का नियमन था, विरोध के बाद 2021 किया
कैबिनेट में जब कृषि भूमि पर बने मकानों के नियमन का एजेंडा आया तो उसमें 31 दिसंबर 2018 तक शहरों में कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों का नियमन करने का जिक्र था। 90ए में अब तक 1999 तक बसी कॉलोनियों और मकानों के नियमन का प्रावधान था। मंत्रियों ने जब विरोध किया तो इस तारीख को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 करना पड़ा।
कृषि मंत्री ने कहा,जेडीए की गलत कार्रवाई से मेरे तीन समर्थक कांग्रेस छोड़ गए
बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जेडीए की गलत कार्रवाई और मनमाने प्रावधानों के कारण मेरे तीन समर्थक कांग्रेस छोड़कर चले गए। हम बोलते हैं तो सुनवाई ही नहीं होती। अगर किसी का ध्यान रखने का फोन कर दें तो पहले तोड़फोड़ की कार्रवाई करते हैं।
जयपुर और कोटा के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते
खाद्य मंत्री प्रतापसिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जयपुर और कोटा के लिए अलग-अलग कानून नहीं हो सकता। कोटा में अलग नियम और जयपुर में अलग नियम है। हम फील्ड में रहते हैं, जनता हमें सुनाती है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने भी समर्थन किया। कहा- जेडीए बहुत ही गलत काम कर रहा है।
कैबिनेट में पहले भी धारीवाल को लेकर हो चुका विवाद
यूडीएच मंत्री धारीवाल के कामकाज के तरीके पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। पहले गोविंद सिंह डोटासरा के शिक्षा मंत्री रहते हुए वे उनसे लड़ चुके हैं, उस दौरान प्रतापसिंह से भी विवाद हुआ था। उस वक्त प्रतापसिंह ने प्रभारी मंत्री के तौर पर एक बार भी बैठक नहीं लेने पर सवाल उठाए थे।