मुम्बई। बीते सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयर बाजार पर आगामी सप्ताह वैश्विक संकेतों, रुपये की स्थिति, कच्चे तेल के उतार-चढाव तथा मध्यप्रदेश और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव का असर रहेगा। आलोच्य सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 476.14 अंक यानी 1.34 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट में 35,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे लुढ़कता हुआ 34,981.02 अंक पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी भी 155.45 अंक यानी 1.46 प्रतिशत फिसलकर 10,526.75 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान दिग्गज कंपनियों की तरह छोटो और मंझोली कंपनियों में भी बिकवाली रही।
बीएसई का मिडकैप 117.47 अंक की साप्ताहिक गिरावट में 14,880.34 पर और स्मॉलकैप 135.05 अंक फिसलकर 14,350.83 अंक पर आ गया। समीक्षाधीन सप्ताह के दाैरान बाजार पर नकारात्मक वैश्विक संकेतों का अधिक प्रभाव रहा।
इसके अलावा भारतीय मुद्रा भी मजबूत स्थिति से अाईटी और टेक कंपनियों पर बिकवाली का दबाव रहा। भारतीय मुद्रा गत सप्ताह एक रुपये 24 पैसे की साप्ताहिक बढ़त में 70.69 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गयी। आगामी सप्ताह बुधवार 28 नवंबर को मध्यप्रदेश और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं और गुरुवार को नवंबर का वायदा कारोबार खत्म होने वाला है, जिनका बाजार पर असर रहेगा।
वैश्विक पटल पर जी20 शिखर सम्मेलन पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। इस बैठक में अमेरिका और चीन के राष्ट्रपतियों के बीच बातचीत होनी है, जिससे निवेश धारणा अधिक प्रभावित हाेगी।
बीते सप्ताह अंतरराष्ट्रीय बाजार में लंदन का ब्रेंट क्रूड वायदा 59 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़क गया लेकिन फिर भी निवेशक इस पर नजर बनाये रखेंगे। गत माह चार अक्टूबर को कच्चा तेल चार साल के उच्चतम स्तर 86.07 डॉलर प्रति बैरल पर था। इसके अलावा डॉलर की तुलना में रुपये की स्थिति भी निवेश धारणा को प्रभावित करेगी।