हर्रैया /बस्ती। जिला ग्राम्य विकास संस्थान की ओर से चल रहे आपदा प्रबंधन से सम्बंधित विभिन्न जिलों के लेखपालों को प्रशिक्षित किये जाने की कड़ी में सदर ब्लाक परिसर में प्राथमिक चिकित्सा पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। सामाजिक संस्था ह्यूमन सेफ लाइफ फाउण्डेशन के चेयरमैन एवं रेडक्रास ट्रेनर रंजीत श्रीवास्तव ने संतकबीर नगर के लेखपालों को आपदा की स्थिति में लोगों की जान बचाने के लिये प्राथमिक उपचार की जानकारी दी।
प्रशिक्षण के दौरान रंजीत श्रीवास्तव ने लेखपालों को दिल का दौरा पड़ने, हाथ पैर कट जाने या टूट जाने, शॉक लगने, पानी में डूबने, सांस रूक जाने, जलने, सांप, कुत्तों व बंदरों के काटने, सीपीआर द्वारा मानव जीवन को बचाने पर दिये जाने वाले प्राथमिक उपचार का महत्व और इसके तरीके बताये। उन्होने बताया कि प्राथमिक उपचार का उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में व लगने वाले समय में कम से कम हानि हो। प्राथमिक चिकित्सा एक प्रशिक्षित या अप्रशिक्षित द्वारा कम से कम साधनों में किया गया सरल उपचार होता है। जो कभी-कभी जीवन रक्षक भी सिद्ध हो जाता है।कई बार किसी व्यक्ति की तबीयत खराब या कोई दुर्घटना ऐसी जगह पर हो जाती है, जहां से मेडिकल सहायता बहुत दूर हो या कोई ऐसा समय जब आस-पास कोई मेडिकल सहायता मिलना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर चोटिल व्यक्ति को उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाए, तो उसकी जान भी जा सकती है। किन्तु घटनास्थल पर ही प्राथमिक उपचार कर देने से व्यक्ति के शरीर को मेडिकल सहायता मिलने तक उसे थोड़ी मदद मिल जाती है।दवाओं, इंजेक्शन की जानकारी सामान्यतौर पर सर्टिफाइड डॉक्टर्स और नर्स को ही होती है। किन्तु प्राथमिक चिकित्सा कैसे किया जाता है, इसकी जानकारी हो तो इसे कोई भी व्यक्ति चोटिल व्यक्ति की मदद कर सकता है। जिसके लिए किसी डिग्री या सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती है। प्राथमिक चिकित्सा करना आसान होता है, इसे कोई भी कर सकता है, लेकिन इसे करते समय सावधानी रखना भी जरूरी है, अन्यथा कई बार स्थिति गंभीर हो जाती है। प्रशिक्षण के दौरान जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ विवेक कुमार, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी रंजीत रंजन, मुकेश कुमार, पवन चौधरी, डॉ एल के पांडेय, रणविजय सिंह, अपूर्व शुक्ल, प्रतीक भाटिया सहित कई लोग मौजूद रहे।