लखीमपुर पहुंची विधान परिषद् की दैवीय आपदा प्रबन्धन जाँच समिति, दिए निर्देश

लखीमपुर खीरी। उप्र विधान परिषद् की दैवीय आपदा प्रबन्धन जाँच समिति अपने निर्धारित भ्रमण कार्यक्रम के अनुसार समिति के सभापति उमेश द्विवेदी के सभापतित्व में जनपद खीरी पहुॅची, जहां उनके जनपद आगमन पर डीएम महेंद्र बहादुर सिंह, एसपी गणेश प्रसाद साहा ने पुष्पगुच्छ देकर सभापति व उनकी टीम का स्वागत किया। गुरुवार को कलेक्ट्रेट में सभापति उमेश द्विवेदी ने सर्वप्रथम गारद की सलामी ली। उसके बाद कलेक्ट्रेट सभागार में समिति के सभापति ने समिति के सदस्य सुरेंद्र चौधरी, सत्यपाल सिंह, ई. अवनीश सिंह एवं स्थानीय विधायक योगेश वर्मा, विनोद शंकर अवस्थी, अमन गिरी की मौजूदगी में जनपद खीरी व सीतापुर के अफसरों की बैठक ली। समिति ने प्रथम चरण में जनपद सीतापुर एवं द्वितीय चरण में जनपद लखीमपुर खीरी की समीक्षा बैठक की।

समिति में खीरी में सिंचाई एवं जल संसाधन द्वारा किए कार्यों की सराहना की

बैठक की शुरुआत में अधिशासी अभियंता (बाढ़ खंड) राजीव कुमार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए कटावरोधी कार्य एवं जनपद में किए गए नवाचारों पर अपनी प्रस्तुति दी। समिति में जनपद खीरी में सिंचाई एवं जल संसाधन द्वारा किए कार्यों की सराहना की। जनपद में प्रवाहित शारदा एवं घाघरा नदी के प्रवाह की स्थिति, रिजर्व स्टाफ एवं शारदा गिरजा बैराज के अफ्लेक्स बंधो की जानकारी दी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभापति उमेश द्विवेदी ने कहा कि सर्पदंश से बचाव के लिए आमजन को जागरूक करें। सर्पदंश से मृत्यु पर अनिवार्य रूप से पोस्टमार्टम कराने के लिए जागरूक करते हुए अनुमन्य सरकारी धनराशि उपलब्ध कराएं।

सीएमओ को निर्देश दिए कि सीएससी, पीएचसी पर सर्पदंश निरोधक औषधि के अलावा अन्य दवाओं की भी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराए। इसका डिस्प्ले भी कराएं। ग्राम चौपालों का व्यापक प्रचार प्रसार कराकर उसकी सार्थकता को जमीन पर साकार करें। ग्रामीणों की समस्याओं का गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित कराएं। अभियान चलाकर चकरोड एवं सरकारी भूमियों को कब्ज़ामुक्त कराएं। बाढ़-कटान प्रभावित क्षेत्रों में राहत चौपालों को और अधिक प्रभावी तरीके से आयोजित कराएं, इस दौरान हेल्थ कैंप भी लगवाया जाए। सभापति के पूछने पर सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिले में सरायन नदी को पुनर्जीवित करने का प्रयास प्रारंभ कर दिया गया है। सीएमओ ने अल्ट्रासाउंड मशीन की संख्या एवं क्रियाशीलता बताइ। जिले के तीन सरकारी अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित हैं। वहीचार निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर में एमओयू करके आम जनमानस को निशुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही।

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