दीवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख महापर्व है, जो हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल, दीवाली का महापर्व 29 अक्टूबर 2024 को धनतेरस से शुरू होगा। धनतेरस के दिन लोग धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और इस दिन सोने, चांदी, और बर्तन खरीदने की परंपरा का पालन करते हैं। यह दिन विशेष रूप से व्यवसायियों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वे अपने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करते हैं।
इसके बाद 30 अक्टूबर को रूप चौदस मनाया जाएगा, जिसमें लोग अपने स्वास्थ्य और सुंदरता का ध्यान रखते हैं। इस दिन, महिलाएं विशेष रूप से सुंदरता बढ़ाने के लिए स्नान करती हैं और उबटन करती हैं। रूप चौदस का उद्देश्य यह है कि लोग अपनी सुंदरता को निखारें और त्यौहार की खुशियों में बढ़-चढ़कर भाग लें। अंततः, 31 अक्टूबर 2024 को दीपावली का मुख्य दिन मनाया जाएगा, जब लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं और पटाखे फोड़कर खुशियाँ मनाते हैं। इस दिन, परिवार और मित्र एकत्र होकर एक-दूसरे को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं। यह पर्व न केवल अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है, बल्कि यह भाईचारे और प्रेम का संदेश भी फैलाता है। दीवाली का यह महापर्व सभी के लिए सुख, समृद्धि, और खुशियों की कामना लेकर आता है।
धनतेरस: समृद्धि का प्रारंभ
इस साल, दीवाली का महापर्व 29 अक्टूबर 2024 को धनतेरस से शुरू होगा। इस दिन लोग धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और सोने, चांदी, और बर्तन खरीदने की परंपरा का पालन करते हैं। यह दिन विशेष रूप से व्यवसायियों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वे अपने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करते हैं।
रूप चौदस: स्वास्थ्य और सौंदर्य का पर्व
इसके बाद 30 अक्टूबर को रूप चौदस मनाया जाएगा, जिसमें लोग अपने स्वास्थ्य और सुंदरता का ध्यान रखते हैं। महिलाएं विशेष रूप से सुंदरता बढ़ाने के लिए स्नान करती हैं और उबटन करती हैं। इस दिन का उद्देश्य लोगों की सुंदरता को निखारना है।
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दीवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख महापर्व है, जो हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल, दीवाली का महापर्व 29 अक्टूबर 2024 को धनतेरस से शुरू होगा। धनतेरस के दिन लोग धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और इस दिन सोने, चांदी, और बर्तन खरीदने की परंपरा का पालन करते हैं। यह दिन विशेष रूप से व्यवसायियों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वे अपने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करते हैं।
इसके बाद 30 अक्टूबर को रूप चौदस मनाया जाएगा, जिसमें लोग अपने स्वास्थ्य और सुंदरता का ध्यान रखते हैं। इस दिन, महिलाएं विशेष रूप से सुंदरता बढ़ाने के लिए स्नान करती हैं और उबटन करती हैं। रूप चौदस का उद्देश्य यह है कि लोग अपनी सुंदरता को निखारें और त्यौहार की खुशियों में बढ़-चढ़कर भाग लें। अंततः, 31 अक्टूबर 2024 को दीपावली का मुख्य दिन मनाया जाएगा, जब लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं और पटाखे फोड़कर खुशियाँ मनाते हैं। इस दिन, परिवार और मित्र एकत्र होकर एक-दूसरे को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं। यह पर्व न केवल अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है, बल्कि यह भाईचारे और प्रेम का संदेश भी फैलाता है। दीवाली का यह महापर्व सभी के लिए सुख, समृद्धि, और खुशियों की कामना लेकर आता है।
धनतेरस: समृद्धि का प्रारंभ
इस साल, दीवाली का महापर्व 29 अक्टूबर 2024 को धनतेरस से शुरू होगा। इस दिन लोग धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और सोने, चांदी, और बर्तन खरीदने की परंपरा का पालन करते हैं। यह दिन विशेष रूप से व्यवसायियों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वे अपने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करते हैं।
रूप चौदस: स्वास्थ्य और सौंदर्य का पर्व
इसके बाद 30 अक्टूबर को रूप चौदस मनाया जाएगा, जिसमें लोग अपने स्वास्थ्य और सुंदरता का ध्यान रखते हैं। महिलाएं विशेष रूप से सुंदरता बढ़ाने के लिए स्नान करती हैं और उबटन करती हैं। इस दिन का उद्देश्य लोगों की सुंदरता को निखारना है।
दीपावली: अंधकार से प्रकाश की ओर
अंततः, 31 अक्टूबर 2024 को दीपावली का मुख्य दिन मनाया जाएगा। लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं और पटाखे फोड़कर खुशियाँ मनाते हैं। परिवार और मित्र एकत्र होकर एक-दूसरे को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।
प्रेम और भाईचारे का संदेश
दीवाली का यह महापर्व सभी के लिए सुख, समृद्धि, और खुशियों की कामना लेकर आता है। यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है, साथ ही भाईचारे और प्रेम का संदेश भी फैलाता है।
पावली: अंधकार से प्रकाश की ओर
अंततः, 31 अक्टूबर 2024 को दीपावली का मुख्य दिन मनाया जाएगा। लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं और पटाखे फोड़कर खुशियाँ मनाते हैं। परिवार और मित्र एकत्र होकर एक-दूसरे को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।
प्रेम और भाईचारे का संदेश
दीवाली का यह महापर्व सभी के लिए सुख, समृद्धि, और खुशियों की कामना लेकर आता है। यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है, साथ ही भाईचारे और प्रेम का संदेश भी फैलाता है।