दीपावली से ठीक 5 दिन पहले यानी मंगलवार 18 अक्टूबर को दुर्लभ मंगल पुष्य नक्षत्र है। दुर्लभ इसलिए क्योंकि इस दिन 5 बड़े शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि दीपावली से पहले शुभ कामों की शुरुआत के लिए ये महासंयोग वरदान की तरह है।
आज बन रहे पंच महायोग का दुर्लभ संयोग पिछले 200 साल में नहीं बना। आज सूर्योदय के साथ ही पुष्य नक्षत्र शुरू हो गया है। इस महामुहूर्त में हर तरह का शुभ काम लाभदायक, स्थायी और शुभ फलदायी रहेगा। रियल एस्टेट में निवेश, नए कामों की शुरुआत, वाहन, ज्वेलरी, कपड़े और अन्य चीजों की खरीदारी का अक्षय लाभ मिलेगा। साथ ही घरेलू और ऑफिस में इस्तेमाल की जरूरी चीजें खरीदना भी शुभकारी रहेगा।
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने से वर्धमान योग बन रहा है। साथ ही सिद्ध नाम का शुभ योग बनेगा। सूर्योदय की कुंडली में हंस, भद्र और शंख नाम के राजयोग रहेंगे। ऐसा महासंयोग कम ही बनता है।
काशी विद्वत परिषद के ज्योतिषियों का कहना है कि पिछले 200 सालों में ऐसा संयोग नहीं बना। इस महासंयोग में व्हीकल, मकान, दुकान, कपड़े, सोना-चांदी, बर्तन और जमीन की खरीदी-बिक्री कर सकते हैं। सोना, भूमि, मकान, चांदी और धातुएं खरीदना ज्यादा लाभदायक रहता है। इस दिन सोना खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
इस संयोग में खरीदी का लंबे समय तक फायदा
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि पुष्य को सभी नक्षत्रों में सबसे अच्छा माना गया है। जो स्थाई होता है। इसे शास्त्रों में अमरेज्य भी कहा गया है। यानी वो नक्षत्र जो जीवन में स्थिरता और अमरता लेकर आता है। यानी इस नक्षत्र में किए गए कामों में स्थायित्व का भाव होता है। इसलिए इसमें ऐसे काम करने चाहिए जो लंबे समय तक चलें। जिनमें बदलाव करने की इच्छा न हो।
निवेश और लेन-देन के लिए ये हफ्ता बेहद शुभ
तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव ने कहा कि इन दिनों में खरीदारी बेहद शुभ होती है। पुष्य नक्षत्र से दिवाली तक तिथि, नक्षत्र और ग्रहों का विशेष संयोग बनने से निवेश, लेन-देन और नई शुरुआत के लिए ये समय बहुत शुभ माना जाता है।