बुलन्दशहर के गुलावठी मे दिनदहाड़े डॉक्टर की गोलियां बरसा कर हत्या

भास्कर समाचार सेवा

बुलंदशहर। गुलावठी मे स्कूटी सवार चार हमलावरों ने दिन दहाड़े क्लीनक में बैठे डॉक्टर की गोलियां से छलनी कर दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारोपी हथियार लहराते हुए मौका-ए-वारदात से फरार हो गए। वहीं, घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। डॉक्टर की हत्या की सूचना मिलते ही एसएसपी संतोष कुमार सिंह समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। फॉरेंसिक टीम ने वारदात स्थल से साक्ष्यों को कब्जे में लेकर डॉक्टर के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। दिन-दहाड़े हुई इस हत्याकांड के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। हालांकि, कोई भी हत्यारोपियों के बारे में कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं है। अब पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी है। हत्या की यह वारदात बुलंदशहर जिले के गुलावठी थाना क्षेत्र की है। मृतक डॉक्टर था और अतरकौर मार्किट में अपना क्लीकिन चलाता था। रविवार करीब 2 बजे के आसपास दो स्कूटी पर सवार होकर चार लोग आए और क्लीनिक में घुसकर डॉक्टर शादाब पर ताबड़ोड़ फायरिंग शुरू कर दी। वारदात को अंजाम देकर हत्यारोपी हथियार लहराते हुए मौका-ए-वारदात से फरार हो गए। गोलियों की आवास सुनकर मार्किट में मौजूद दुकानदारों में हड़कंप मच गया। वहीं, हत्या की सूचना पर एसएसपी संतोष कुमार सिंह, एसपी सिटी समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। एसएसपी संतोष कुमार सिंह मालमे की जानकारी देते हुए बताया कि मृतक शादाब एक झोलाझाप डॉक्टर था और कुराना गांव, थाना हाफिजपुर हापुड़ के रहने वाला थे। शादाब के भाई रागिब ने कुराना गांव निवासी इरफान की हत्या का आरोप है और पिछले काफी समय से जेल में बंद है।

एसएसपी ने बताया कि ऐसी आशंका है कि इरफान की हत्या का बदला लेने के लिए ही शादाब की हत्या की गई है। बताया कि सभी संभावित पहलुओं पर जांच की जा रही है। अभी तक मृतक शादाब के परिजनों की तरफ से कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। मामले के खुलासे के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
हत्यारोपियों ने चलाई दो दर्जन गोलियां
फॉरेंसिक विभाग ने मौका-ए-वारदात से करीब दो दर्जन से अधिक खोखा कारतूस व जिंदा कारतूस बरामद हुए। जिसके बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारोपियों ने डॉक्टर शादाबद को एक के बाद एक करीब दो दर्जन से अधिक गोलियां मारी है। वहीं, जिस समय यह वारदात हुई उस वक्त क्लीनिक में मरीज भी मौजूद थे और आसपास की दुकाने भी खुली हुई थी। लेकिन किसी ने भी हमलावरों को नहीं देखा।

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