महाकाल मंदिर प्रबंध समिति से दस्तावेजों की चोरी : कलेक्ट्रेट पहुंचा मामला

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के कार्यालय से दस्तावेजों की हेराफेरी की एक शिकायत कलेक्टर तक पहुंची है। कलेक्टर ने अपने स्तर पर जब जांच करवाई तो मामला सच के करीब मिला। उन्होंने इस बारे में एक गोपनीय जांच बैठा दी है। इधर सूत्रों का दावा है कि मंदिर संबंधी कुछ ओर गोपीनीय दस्तावेजों की फोटोकापी प्रशासनिक संकुल भवन से भी हो गई। यह किस कक्ष से हुई, इस बात की जानकारी भी गोपनीय तरीके से एकत्रित की जा रही है।

महाकाल मंदिर से दस्तावेज की फोटोकॉपी चोरी

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के कार्यालय से महत्वपूर्ण गोपनीय दस्तावेजों की फोटोकापी के सेट बने और मंदिर से बाहर हो गए। यह काम किसने किया और उसका इसके पिछे का उद्देश्य क्या था, इस बात को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। बताया जाता है कि इस मामले में कलेक्टर द्वारा गोपनीय तरीके से जांच भी करवाई जा रही है। इस जांच के प्रारंभिक तथ्य सच के करीब तक पहुंच गए हैं।

सूत्रों के अनुसार एक शिकायत कलेक्टर तक पहुंची थी कि मंदिर प्रबंध समिति से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों, पूर्व में हुई खरीदी के दस्तावेजों सहित बहुत सारे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की फोटोकापी करवाकर सेट बनाए गए। यह सेट मंदिर समिति कार्यालय से बाहर निकल गए। इन सेटों में जो जानकारियां हैं, वह मंदिर समिति के कामकाज को लेकर है। शिकयत मिलने के बाद कलेक्टर ने अपने स्तर पर जांच करवाई। जांच में शिकायत सच के करीब मिलने के बाद कलेक्टर अपने स्तर पर यह तलाश करवा रहे हैं कि इन दस्तावेजों को किसने,किस उद्देश्य के लिए फोटोकापी करवाकर सेट बनवाए? यह सेट किसके इशारे पर बनाए गए और किसके पास इस समय होंगे? बताया जाता है कि अंदर ही अंदर इस बात को लेकर भोपाल तक मोबाइल फोन घनघनाए और कतिपय नामों पर शंका भी व्यक्त की गई।

सूत्र बताते हैं कि महाकाल थाना में भी अमनात में खयानत मामले को लेकर पकड़े गए सात आरोपियों से पूछताछ के दौरान कतिपय दो आरोपियों ने उल्लेख किया था कि कथितों द्वारा महत्वपूर्ण दस्तावेजों की फोटोकापी करवाई गई और सेट बनाकर अपने साथ ले गए। यह भी उल्लेख किया गया था कि इन दस्तावेजों में से कुछ दस्तावेज प्रशासनिक संकुल स्थित एक कक्ष से की गई फोटोकापी के रूप में भी शामिल है।

सूत्रों का दावा है कि ओरीजनल दस्तावेज अपनी जगह जस के तस हैं,लेकिन फोटोकापी होकर, सेट बनकर निकलना सिस्टम के साथ गोपनीयता भंग करने जैसा है। सूत्रों के अनुसार यह तलाशा जा रहा है कि ये सेट किसके पास हैं ओर किसके माध्यम से पहुंचे है। यदि सारा मामला खुलता है तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।

शिकायत आई थी,जांच करवा रहे: कलेक्टर

इस संबंध में जब महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष सह कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार की शिकायत आई थी। शिकायत के आधार पर गोपनीय रूप से जांच करवाई जा रही है। जांच में जो बातें सामने आएंगी,उसकी पुष्टी के बाद ही कुछ कह सकेंगे। फिलहाल कुछ भी टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें