पेइचिंग : लेह में भारत के मिग-29 और अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर तैनात करने के बाद चीन ने भी लद्दाख से सटे अपने दो एयरबेस होटान, नग्यारी, शिगात्से (सिक्किम के पास) और नयिंगची (अरुणाचल प्रदेश के पास) में बडे़ पैमाने पर फाइटर जेट, बमवर्षक विमान और हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए हैं। यही नहीं चीन की सेना ने पेंगांग सो झील पर फिंगर 4 के आगे भारतीय सैनिकों को गश्त से रोकने के लिए अपनी आक्रामक कार्रवाई और निगरानी को बढ़ा दिया है।
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने भारत से लगी अपनी पूरी सीमा पर स्थित हवाई ठिकानों होटान, नग्यारी, शिगात्से और नयिंगची में अतिरिक्त फाइटर जेट, बॉम्बर और लड़ाकू हेलिकॉप्टरों को तैनात किया है। पीएलए अरुणाचल की सीमा पर भी अपनी गतिविधि को तेज कर दिया है। पेंगांग सो झील पर जहां चीन की सेना एलएसी को बदलना चाहती है, वहीं चीनी सेना ने गोगरा हॉट स्प्रिंग में भी बड़े पैमाने पर सैनिकों और हथियार तैनात किए हैं।
भारत के इलाकों के लिए बढ़ा खतरा
चीन की ताजा हरकत से भारत के देपसांग, मुर्गो, गलवान, हॉट स्प्रिंग, कोयूल, फूकचे और देमचोक को खतरा का काफी बढ़ गया है। भारत ने भी चीन की इस चुनौती से निपटने के लिए अपनी तैयारी काफी बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि दोनों ही सेनाओं के बीच आज बैठक हो रही है। इससे पहले 6 जून को इसी तरह की बैठक हुई थी।
इससे पहले 15 जून की रात को भारत और चीन के जवानों के बीच गलवान घाटी में भीषण झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और चीन के भी 40 से ज्यादा जवान हताहत हुए थे। इसके बाद दोनों ही देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। चीनी चुनौती से निपटने के लिए भारत ने नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में फाइटर जेट, लड़ाकू विमान और टैंक तैनात किए हैं।
चीन ने तैनात किए ये फाइटर जेट
बताया जा रहा है कि चीन ने ऊचाईं वाले इलाके में उड़ान भरने में अनुकूल लड़ाकू विमान जे-11 और जे 16एस को लद्दाख से सटे इलाकों में तैनात किया है। चीन का शेययांग जे 11 रूस की सुखोई एसयू 27 का चीनी वर्जन है। यह फाइटर प्लेन एयर सुपीरियर होने के साथ दूर तक हमला करने में सक्षम है। इसमें दो इंजन लगे होते हैं जिससे जेट को ज्यादा पॉवर मिलती है। चीन में निर्मित इस विमान को केवल चीनी एयर फोर्स ही ऑपरेट करती है। यह जेट 33000 किलोग्राम तक के वजन के साथ उड़ान भर सकता है। यह विमान एक बार में 1500 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकता है।