प्रशासनिक उदासीनता के कारण ग्रामीणों को नही मिल पा रही है शुद्ध पानी की सप्लाई

ठेकेदार लगा रहे हैं सरकारी योजनाओं को पलीता
अमित शुक्ला 
हसनगंज, उन्नाव। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए भारत सरकार ने चार करोड़ रुपये पानी टंकी निर्माण के लिए स्वीकृत किये थे। लेकिन जल निगम व ठेकेदार की सांठगांठ से योजना भृष्टाचार की भेंट चढ़ गयी। तीन वर्ष गुजरने के बाद भी अर्धनिर्मित टंकी ठूंठ बन कर रह गई है। जिससे ग्रामीणों को भीषण गर्मी व लू में शुद्ध पानी की एक एक बूँद के लिए तरसना पड़ रहा है।
हसनगंज विकास खंड के अन्तर्गत नेवलगंज ग्राम पंचायत में खपुरा मुस्लिम ग्रामीण पेयजल योजना के नाम से क्षेत्र में फ्लोराइड मुक्त शुद्ध पेयजल के लिए भारत सरकार ने तीन करोड़ इक्यानवे लाख बत्तीस हजार रुपये राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के अंतर्गत पानी की टंकी निर्माण के लिए स्वीकृत किये थे। लेकिन जल निगम के अधिकारियों की खाऊ कमाऊ नीति के चलते मेसर्स शिव एग्रो कांस्ट्रक्शन आगरा का टेंडर वर्ष 2014 /15  स्वीकृत हुआ था। लेकिन विभागीय अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से दो करोड़ चौबीस लाख रुपये का बंदरबांट हो गया और नव निर्मित पानी की टंकी से शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने का कार्य तीन साल गुजर जाने के बाद भी निर्माण अधूरा रहने के कारण राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना दम तोड़ती नजर आ रही है जिससे ग्रामीणों का फ्लोराइड मुक्त शुद्ध पानी का सपना अधूरा बना हुआ है।
ग्रामीणों को भीषण गर्मी व लू में शुद्ध पानी की एक बूंद नसीब नहीं हो पा रही है। वहीं पहले से करोड़ों रुपये खर्च कर बनी पानी की टंकियां सफेद हाथी साबित हो रही है। जिसमें तहसील की चक्कुशहरी, संदाना, महमूदपुर, मुस्तफाबाद, परेंदा, भौली आदि पानी की टंकियों में ताला लटक रहा है। जबकि रामपुर अखौली में शुद्ध पानी के लिए आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीण कनेक्शन ले चुके हैं फिर भी विभागीय अधिकारी जानकर भी अंजान होकर सरकारी योजना को ठेंगा दिखा रहे हैं।
ग्रामीणों की मानें तो  ठेकेदार भी सरकारी धन हडप कर नदारत हो गया। फ्लोराइड से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने चार करोड़ स्वीकृति देकर हसनगंज ब्लाक के नेवलगंज, खपुरा मुस्लिम, मीर खेड़ा, महराजगंज, चुनौटी, बाबुरी हाजीपुर तरेहा, शंकर पुर सहित एक दजॅन से अधिक गांवों में पाइप लाइन डालने के लिये लगभग 5 किलो मीटर लम्बी लाइन बिछाने का प्रावधान किया गया था। खास बात यह है कि ठेकेदार ने कुछ दूर तक गड्ढे खोद कर औपचारिकता शुरू कराकर तीन साल से नदारत हो गया है
जिससे ग्रामीणों का निकलना मुश्किल हो गया है। गांवों के मुख्य मार्ग की खुदाई कराकर जल निगम के अधिकारी राहगीरों को मौत की दावत दे रहे है।
तीन वर्षों से शुद्ध पेयजल योजना का लाभ न होने से ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। वही आस पास के ग्रामीणों में  बेचेलाल पूर्व प्रधान, रईस अहमद, अरमान, विपिन कुमार, पूनम, आसमा, सूफिया, सरला, रमेश, सन्तोष, राधे लाल, अर्जुन, परशुराम, अरुण कुमार आदि सैकड़ो ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना में अर्धनिर्मित पानी की टंकी के निर्माण कार्य की जांच कराने की मांग उठाई है।  इस सम्बन्ध में जल निगम के अवर अभियंता एमके सिंह से पूछने पर बताया कि जितना शासन से पैसा मिला था उतना काम कराया गया है। बाकी शासन से पैसा मिलने पर निर्माण कार्य पूरा कराया जायेगा।

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