
- बारात घर को गांव के लोगों ने बना दिया पशुओं का तबेला
- अपनी गलती पर पछता रही है क्षेत्र की जनता
किशनी/मैनपुरी- ऐसा तो किसी ने नहीं सोचा था कि विकास की ओर अग्रसर, श्रेष्ठ और सुन्दर नगर पंचायत का मात्र तीन सालों में बुरा हाल हो जायेगा। विकास के नाम पर कुछ लोगों ने अपना विकास तो कर लिया पर नगर को नारकीय बना दिया।

पिछले चेयरमैन जैसीराम यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान नगर पंचायत के सुन्दरीकरण के लिये जमकर पसीना बहाया था और शासन से पैसे लेकर नगर का चहुमुंखी विकास किया था। चुनाव हुये और क्षेत्र की जनता ने सोचा कि यदि इस बार चेयरमैन को बदल दिया जाय तो वह पूर्व चेयरमैन से प्रेरणा लेकर और भी अच्छा काम करेगा। परंतु जनता को अब पछताने के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है। कोई नया काम तो नहीं हो रहा हां जो भी पुराने काम अधूरे पडे थे। उन्हैं भी पूरा नहीं किया गया। मसलन बारात घर।
उस समय क्षेत्र में कोई निजी मैरिज होम न होने के कारण जनता को बारात रोकने के लिये स्कूलों का सहारा लेना पडता था। इसी परेशानी को देखते हुये नगर पंचायत में सात बारातघरों का निर्माण शुरू किया गया था। एक पृथ्वीपुर रोड पर, दूसरा बटपरू, तीसरा हरीसिंहपुर, चैथा नगला सुखे, पांचवां खडेपुर, छटवां नगला मंगद और सातवां नगला घासी।
नगला सुखे के अधूरे बने बारातघर को ग्रामीणों ने पशुओं का तवेला बना दिया है। मैन गेट न होने के कारण शौचालय में गंदगी पडी है। बारातघर और उसकी वाउन्ड्रीवाल के बीच जंगली झाडियां उग आई हैं। बिना रख रखाव तथा रंगरोगन के बारातघर एक भुतहा इमारत लगने लगी है। प्रांगण में लोगों ने घूरे के ढेर लगा दिये हैं। तीन वर्ष गुजर गये अब लोगों को आशा भी नहीं है कि इस बारातघर को कभी पूरा किया भी जा सकेगा।
नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि यदि उन्हैं पता होता कि नया चेयरमैन कुछ नहीं करेगा तो हम उसे कभी वोट ही न देते। उनका कहना है कि जब कोई इमारत खाली पडी है तो उसके अन्दर जानवरों को बांध देते है। जब बारातघर बनकर तैयार हो जायेगा तब कोई पशु नहीं बांधेगा। सरकारी पैसों का दुरूपयोग सिर्फ बारातघरों में ही नहीं हुआ है। कई और भी ऐसी योजनायें पूर्व चेयरमैन लेकर आये थे जो बहुआयामी थीं पर आज अधूरी पडीं हैं तथा पूर्व में खर्च किया गया पैसा बेकार चला गया।
मैनपुरी से प्रवीण पाण्डेय की रिपोर्ट










