एक सप्ताह से नही हुई तौल, बारिश में सड़ गया किसानो का भी धान
भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । धान क्रय केंद्रों मे किसानों से खरीद की जगह बहानेबाजी की जा रही है जबकि बिचौलियों का धान धड़ल्ले से तौला जा रहा है। प्रत्येक दिन के निर्धारित कोटे को बिचौलियों के धान से पूरा किया जा रहा है। कुछ केंद्रों में तो स्थिति इतनी बदतर है कि किसानों का धान दो महीने से पड़े पड़े सड़ गया मगर उनकी तौल नहीं हो पाई। अन्नदाता के साथ केंद्रों में छलावा हो रहा है उन्हें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर तौल की तारीख दी जा रही है। जब वे अनाज लेकर केंद्र पर पहुंचते हैं तो वहां उन्हें कई दिन नहीं कई महीनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। कभी उठान न होने का हवाला दिया रहा है तो कभी मिलर्स से अनुबंध न होने की बात कहकर किसानों को लौटाया जा रहा है। मजबूरी में किसान 1950 रुपये की कीमत वाला धान 1000 रुपये से लेकर 1200 रुपये प्रति कुंतल में बेचने को मजबूर हैं।
बता दें कि असोथर कस्बे की मंडी स्थल में संचालित क्रय केंद्र में जमकर अराजकता जारी है। बिचौलियों ने इस क्रय केंद्र को इस कदर जकड़ रखा है कि किसान उसमे दम तोड़ रहा है। दर्जनों किसानों का सैकड़ो कुंतल धान तौल न होने की वजह से सड़ रहा है। बेबस अन्नदाता सिस्टम को कोसते हुए रो रहा है। भास्कर टीम ने असोथर क्रय केंद्र में मौके पर जाकर जायजा लिया। जहां क्रय केंद्र प्रभारी प्रेमप्रकाश नदारद थे उनके स्थान पर गिरीश नाम का एक ब्यक्ति क्रय केंद्र का संचालन कर रहा था जो अपने आपको मानव संसाधन का कर्मी बता रहा था। बताते हैं क्रय केंद्र प्रभारी की दुकान इनके माध्यम से असोथर में चल रही है। क्रय केंद्र में अराजकता का आलम यह था कि वहां लगभग एक सप्ताह से तौल हुई ही नहीं थी। किसी परिजन की बीमारी के चलते केंद्र प्रभारी गायब थे मगर उनके हस्ताक्षर प्रत्येक दिन के रजिस्टर में चढ़े मिले। क्रय केंद्र में किसानों का अनाज बारिश से बचाने की कोई ब्यवस्था नहीं है। हालांकि केंद्र में एक टूटा हुआ टीन सेड है जिसके नीचे तौला हुआ धान रखा गया है वहीं सैकड़ो कुंतल तौला हुआ धान टीन शेड के पीछे भी लगा था जहां नीचे से दलदल नुमा पानी भरा था जिसमे नीचे की बोरियो का धान सड़ चुका था और बोरियो से उग भी आया था। सैकड़ो कुंतल सरकारी धान क्रय केंद्र प्रभारी व जिम्मेदारों की लापरवाही से सड़ गया। जबकि किसानों की तौल न होने से उनका भी सैकड़ो कुंतल धान केंद्र में पड़े पड़े सड़ गया। बेचारा अन्नदाता अपनी वर्ष भर के पेट की जुगाड़ के लिए धान को जगह जगह फैलाते हुए केंद्र में नजर आ रहा था। तस्वीरें ऐसी थी कि आंख में आंसू आ जाये मगर अफसरों का दिल फिर भी नहीं पसीजा। अभी भी किसान इस इंतजार में हैं कि उनका नम्बर कब आएगा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
कई दिन से तौल न होने की जानकारी मिली है मौके पर डिप्टी आरएमओ सहित टीम भेजी गई है। अगर धान सड़ गया है तो जांच करवाकर सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसानों का धान तौला जाएगा।