सुभासपा और सपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद राजभर के नामांकन के दौरान हुई गाली गलौज, मुकदमा दर्ज

वाराणसी की शिवपुर विधानसभा से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और सपा के प्रत्याशी डॉ. अरविंद राजभर के नामांकन के दौरान गाली-गलौज और हंगामा करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ मंगलवार को कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। यह कार्रवाई कचहरी चौकी प्रभारी विनोद कुमार मिश्रा की तहरीर के आधार पर की गई है। घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस हंगामे और गालीगलौज में शामिल लोगों को चिह्नित करने का प्रयास कर रही है।

कमिश्नरेट की निषेधाज्ञा का उल्लंघन हुआ

दरोगा प्रभारी विनोद कुमार मिश्रा ने इंस्पेक्टर कैंट को बताया कि सोमवार को वह सिपाहियों के साथ कचहरी परिसर में ड्यूटी कर रहे थे। अलग-अलग दलों के प्रत्याशी विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन कर रहे थे। दोपहर 2 बजे के लगभग शिवपुर विधानसभा से सुभासपा-सपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद राजभर नामांकन करने आए।

नामांकन करने के बाद डॉ. अरविंद अपने पिता सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के साथ कचहरी परिसर से बाहर निकल रहे थे। उसी दौरान कुछ लोगों ने जमकर हंगामा करते हुए गालीगलौज किया। इस तरह से उन लोगों ने पुलिस कमिश्नरेट में लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया। इस घटना की गहराई से छानबीन कर संज्ञान लिया जाना आवश्यक है।

डीएम और पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने सोमवार की कलेक्ट्रेट-कचहरी परिसर की घटना को लेकर चुनाव आयोग से वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा और पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश को तत्काल हटाने की मांग की है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि इन दोनों अधिकारियों के रहने पर वाराणसी में निष्पक्ष तरीके से विधानसभा चुनाव नहीं हो पाएगा।

सोमवार को जब कचहरी में सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और पार्टी के प्रत्याशी डॉ. अरविंद राजभर को धमका कर उनके साथ बदसलूकी की जा रही थी तो वहां तैनात पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने हुए थे। यह सब सत्ताधारी दल के इशारे पर अधिकारियों की शह पाकर किया गया था। इसलिए दोनों अधिकारियों का वाराणसी से तत्काल हटाया जाना जनहित में जरूरी है।

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