भारत के वैज्ञानिक चंद्रयान-3 मिशन में जी-जान से जुटे हुए हैं। पिछली कमियों से सबक लेते हुए ISRO नहीं चाहता कि चंद्रयान-3 किसी भी कीमत पर असफल हो। ऐसे में लगातार पिछली कमियों को दूर किया जा रहा है। इस बीच इसरो के पूर्व चेयरमैन और मिशन चंद्रयान-2 के प्रमुख के सिवान का बड़ा बयान सामने आया है। सिवान ने कहा है कि, जल्द ही चंद्रयान-3 लॉन्च हो सकता है। यानी चांद पर भारत एक और नई इबारत लिख सकता है। डॉ. के सिवान का कहना है कि चंद्रयान-3 के लिए काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही इसकी लॉन्चिंग की जाएगी।
इस बार किसी भी हालत में मिशन को बनाना है कामयबा
इसरो के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि, चंद्रयान-3 पर लंबे समय से काम हो रहा है। कोरोना काल की वजह से इसकी लॉन्चिंग में थोड़ा वक्त लगा, जिससे तैयारी करने में और आसानी हुई। उन्होंने उम्मीद जताई कि, इस बार हमें अपने मिशन में सफलता जरूर मिलेगी।
चंद्रयान-3 मिशन का साथ देगा चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर
सिवन ने एक महत्वपूर्ण जानकारी दी, उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन में चंद्रयान-2 का ही ऑर्बिटर यूज किया जाएगा। यह काफी किफायती होगा।तमिलनाडु में स्थापित होगा लॉन्च पैड।
चंद्रयान-3 मिशन को मिली तमिलनाडु में जगह
चंद्रयान-3 मिशन के लिए ISRO को तमिलनाडु में जगह मिल गई है। इस जमीन पर चंद्रयान-3 के लिए लॉन्च पैड बनाया जाएगा। डॉ. के. सिवन ने कहा कि, ‘मैं बहुत खुश हूं कि केंद्र और तमिलनाडु सरकार ने हमें कुलशेखरपट्टनम में भूमि अधिग्रहण के लिए मंजूरी दे दी है। हम वहां बहुत जल्द देश का दूसरा लॉन्च पैड स्थापित करने में सफल होंगे और जल्द ही इसरो चंद्रयान-3 के लॉन्च की पुष्टि करेगा।’
इन प्रोजेक्ट्स पर पड़ा कोविड का असर
डॉ. सिवन ने बताया कि, ‘हमारे सभी प्रोजेक्ट्स पर कोरोना का प्रभाव पड़ा है, लेकिन इस दौरान इसरो ने अपनी रणनीति पर काम किया, ताकि हम कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर प्रबंधन कर सकें। महामारी ने हमें रॉकेट लॉन्च करने का एक नया तरीका दिया, जिसे हर मिशन में लागू किया जाएगा।
‘चंद्रयान-2 इसरो का सबसे जटिल मिशन
डॉ. सिवन ने बताया कि, ‘चंद्रयान-2 इसरो का अब तक का सबसे जटिल मिशन था। हमने लैंडिंग का पहला चरण अच्छे से कंप्लीट किया, हम आखिरी चरण में असफल हुए। हम लकी थे कि पीएम मोदी हमारे साथ थे और इस अभियान के असफल होने पर उन्होंने उस वक्त इस अभियान से जुड़े हर शख्स को सांत्वना दी।