बिहार में चुनावी घमासान : BJP, JDU, LJP, कांग्रेस, जानिए कौन कहां अड़ा है, सीट बंटवारे का पूरा गणित समझिए

पटना
बिहार में चुनावी शंखनाद हो चुका है, 28 अक्टूबर को पहले चरण का चुनाव भी है। बावजूद इसके अभी तक सूबे के दोनों प्रमुख गठबंधनों में शामिल सियासी दलों के बीच सीट बंटवारे पर फैसला नहीं हो सका है। चाहे सत्ताधारी एनडीए गठबंधन हो या फिर विपक्षी दलों का महागठबंधन, किसी की तरफ से अब तक सीट शेयरिंग फॉर्म्यूला जारी नहीं किया गया है। हालांकि, दोनों ही ओर से बैठकों और चर्चा का दौर जारी है। सियासी दलों की ओर से कहा जा रहा कि जल्द ही सीटों पर सहमति बनते ही इसका ऐलान कर दिया जाएगा। लेकिन सवाल यही उठ रहा कि आखिर दोनों ही धड़े में सीट बंटवारे का पेंच कहां फंस रहा है, बताते हैं आगे…

एनडीए में घमासान की क्या है वजह

बात करें अगर सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए की तो इसमें बीजेपी के साथ जेडीयू और एलजेपी भी प्रमुख सहयोगी हैं। तीनों ही पार्टियां लगातार इस बात पर माथापच्ची में जुटी हुई हैं कि सीटों पर तालमेल कायम किया जा सके। लेकिन एनडीए में एलजेपी के पिछले कुछ समय से बदले तेवर की वजह से हालात बदले हुए हैं। एलजेपी मुखिया चिराग पासवान गठबंधन की सहयोगी जेडीयू पर लगातार निशाना साध रहे हैं। विधानसभा की 243 सीटों के लिए एजेपी 143 सीटों पर उम्मीदवार की भी तैयारी में लगी हुई है। जेडीयू की ओर से भी चिराग पासवान पर पलटवार किया गया। हालांकि, बीजेपी की ओर से बीचबचाव के बाद हालात थोड़े बदल गए हैं। सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी की ओर से एलजेपी को करीब 27 सीटों का ऑफर दिया गया है।

एलजेपी- 27 सीटें मिलीं, 30 से ज्यादा की मांग!

जानकारी के मुताबिक, एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। इस दौरान सीट शेयरिंग पर बातचीत हुई है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की ओर से 27 विधानसभा सीटों के साथ कुछ विधान परिषद की सीटों का ऑफर एलजेपी को दिया गया है। फिलहाल दोनों ही पार्टियों की ओर से अभी तक आधिकारिक तौर पर इसको लेकर कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन जानकारी के मुताबिक, एलजेपी मुखिया चिराग पासवान की कोशिश 30 से ज्यादा सीटें हासिल करने की हैं। इसी वजह से उन्होंने जेपी नड्डा से मुलाकात भी की।

जेडीयू को मिल सकती हैं 103 सीटें!

बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू की कोशिश सबसे बड़े दल के तौर पर सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने की है। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि आखिर जेडीयू कितनी सीटें चाहती है। जानकारी मिल रही कि जेडीयू को सबसे ज्यादा 103 सीटें मिलने की संभावना है। दूसरी ओर जेडीयू ने ज्यादा सीटों की मांग जरूर की है, लेकिन सीट बंटवारे का फॉर्मूला 2010 की तरह ही करने की बात भी कही गई है। 2010 विधानसभा चुनाव के दौरान जेडीयू और बीजेपी ने साथ में चुनाव लड़ा था, उस समय जेडीयू 141 और बीजेपी ने 102 सीटों पर उम्मीदवारी की थी। इस चुनाव में जेडीयू ने 115 तो बीजेपी ने 91 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार गठबंधन में एलजेपी के होने से दोनों दलों के सीटों की संख्या कम हो गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, उस समय जेडीयू ने 101 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे।

बीजेपी: 101 सीटों पर कर सकती है उम्मीदवारी

बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी की ओर से खास डिमांड सामने नहीं आई है। पार्टी की ओर से लगातार कहा जा रहा कि एनडीए गठबंधन में सब ठीक चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बिहार चुनाव में बीजेपी 101 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है। जेडीयू को 103 सीटें ऑफर की गई हैं। वहीं एलजेपी को 27 सीटों देने की चर्चा है। फिलहाल सीट बंटवारे के फाइनल फॉर्म्यूले का इंतजार सभी को है। पिछले चुनाव की बात करें बीजेपी ने एलजेपी और आरएलएसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। बाद में जेडीयू ने महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया।

महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कहा फंसा है पेंच

बात करें विपक्ष दलों के महागठबंधन की तो इसमें आरजेडी, कांग्रेस के साथ सीपीआई-एमएल भी है। इसके अलावा वीआईपी, जेएमएम समेत कई दल शामिल हैं। कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी भी गठबंधन में शामिल थी, लेकिन अब उसको लेकर सस्पेंस है। ऐसा इसलिए क्योंकि चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में जा सकते हैं। फिलहाल महागठबंधन के सियासी दलों में सीट बंटवारे को लेकर कहां पेंच फंसा है, जानिए।

कांग्रेस को 58 सीटों का ऑफर, 80 की हो रही मांग

आरजेडी की ओर से महागठबंधन में कांग्रेस को करीब 58 सीटों का ऑफर दिया गया है। इसके अलावा आरजेडी वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की सीट भी कांग्रेस को देने की बात कही है। आरजेडी किसी भी सूरत में कांग्रेस को महागठबंधन से अलग होने नहीं देना चाहती है। सीट के मसले पर कांग्रेस को मनाने के लिए आरजेडी हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कांग्रेस की केंद्रीय नेतृत्व से अपील की है कि पार्टी को बिहार में कम से कम 80 सीटों पर प्रत्याशी उतारने चाहिए। जिसको लेकर पेंच फंसा हुआ है।

आरजेडी: 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी

बिहार चुनाव में आरजेडी की कोशिश 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की है। हालांकि, महागठबंधन के सबसे बड़े दल के नाते पार्टी सबको साथ लेकर चलना चाहती है। दूसरी ओर कांग्रेस और सीपीआई-एमएल भी गठबंधन में हैं और उनकी ओर से ज्यादा से ज्यादा सीट की डिमांड हो रही है। यही वजह है अभी तक सीट शेयरिंग का फॉर्म्यूला फाइनल नहीं हुआ है। फिलहाल आरजेडी के सूत्र बता रहे हैं कि जल्द ही सीट बंटवारे पर फैसला हो जाएगा।

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