नई दिल्ली । कांग्रेस ने सोमवार को आरबीआई की नोटबंदी के बाद हुई पहली बैठक के मिनिट्स ऑफ मीटिंग को लेकर केंद्र सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। पार्टी का कहना है कि सरकार ने नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था और आरबीआई जैसे संस्थान की स्वयत्तता को भी नुकसान पहुंचाया है।
दिल्ली में आयोजित पत्रकारवार्ता में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरटीआई से प्राप्त मिनिट्स ऑफ मीटिंग के आधार पर केंद्र सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बहुत ही कम समय में हुई आरबीआई के बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक में स्पष्ट तौर पर यह कहा गया कि सरकार द्वारा दिए जा रहे तर्क सही नहीं है। बोर्ड ने कहा था कि इससे ना तो काले धन पर लगाम लगेगी, ना ही इससे देश में मुद्रा का चलन कम होगा। हालांकि बोर्ड ने सरकार के नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया है लेकिन उसने सरकार के फैसले पर कई गंभीर सवाल उठाएं।
जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक तरफा फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से ग्रामीण क्षेत्र, कृषि क्षेत्र और असंगठित क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। पार्टी नेता ने कहा कि कांग्रेस नोटबंदी को 2019 के लोकसभा चुनावों में एक मुद्दा बनाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहली बार होगा जब स्वतंत्रता के बाद रोजगार में बड़े पैमाने पर कमी आई है। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज उस श्रृृंखला का हिस्सा होगा जिसमें कांग्रेस पार्टी आने वाले समय में सरकार की एक-एक योजना का कच्चा चिट्ठा लोगों के सामने रखेगी।
सरकार में आने के बाद कांग्रेस नोटबंदी के बाद ‘टैक्स हीवन’ देशों में बड़े लेन-देन की भी जांच करेगी। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि इस मीटिंग से जुड़ी जानकारी किसी भी संसदीय समिति से साझा नहीं की गई हैं। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की इस बैठक में तत्कालीन गवर्नर उर्जित पटेल और वर्तमान में गवर्नर शक्तिकांत दास दोनों मौजूद थे।