
कानपुर। सचेंडी थानाक्षेत्र में पुलिसकर्मियों द्वारा अजब कारनामा कर डाला। दो दरोगा और एक सिपाही ने मिलकर व्यापारी से 5,30 लाख रुपये लूट लिए। इस मामले में तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए गिरफ्तार कर लिया है। व्यापारी की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। कानपुर में यूपी पुलिस ने एक बार फिर ऐसा कारनामा किया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। दो दरोगा और एक सिपाही ने मिलकर एक हार्डवेयर कारोबारी से 5,30 लाख रुपये लूट लिए। कारोबारी के विरोध करने पर उसे फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी और पीटा भी। कारोबारी की शिकायत पर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने जांच शुरू कराई तो मामला सही मिला। तीनों पुलिस वालों को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया है। अब तीनों की बर्खास्तगी की तैयारी की जा रही है।
वारदात में शामिल दो पुलिस वाले डीसीपी वेस्ट की स्वाट टीम में और एक दरोगा सचेंडी थाने में तैनात था। कानपुर देहात के सिकंदरा निवासी हार्डवेयर कारोबारी सत्यम शर्मा बुधवार की रात लगभग आठ बजे आठ बजे 5,30 लाख लेकर उन्नाव जनपद से अपने घर लौट रहा था। रास्ते में दीपू चौहान के ढाबे के पास कारोबारी को डीसीपी वेस्ट कार्यालय में तैनात दरोगा यतीश कुमार, हेड कांस्टेबल अब्दुल और सचेंडी थाने में तैनात दरोगा रोहित सिंह ने रोक लिया। इसके बाद कारोबारी को धमकाया गया और मारपीट कर उसके पास मौजूद 5,30 लाख रुपये लेकर पुलिस वाले फरार हो गए। गुरुवार को कारोबारी सचेंडी थाने पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने इंस्पेक्टर से जांच कराई तो मामला सही पाया गया। जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।
डीसीपी वेस्ट विजय ढुल ने तीनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्होंने बताया कि दरोगा यतीश कुमार और हेड कांस्टेबल अब्दुल राफे सादे कपड़ों में थे, जबकि दरोगा रोहित सिंह ने वर्दी पहन रखी थी। मुखबिरी जुआरियों से पुलिस को कारोबारी के पास 5 से 6 लाख रुपये होने की सूचना पहले से ही मिल गई थी। इस कारण वे तीनों पहले से ही गाड़ी में सवार होकर दीपू चौहान ढाबा के पास पहुंच गए और कारोबारी के वहां पर आने के साथ ही उसे घेर लिया था। हार्डवेयर कारोबारी द्वारा शिकायत में जानकारी दी गई कि जब ढाबे के पास पहुंचा तो पुलिसकर्मियों ने उसे घेर लिया उससे कहा कि उन्नाव में जुआ खेलकर मोटी रकम जीती है।
एक पुलिसकर्मी ने उससे कहा कि इसे यहीं से गिरफ्तार कर सीधा जेल भेज दो। यह कहकर उन लोगों ने कारोबारी को घेर लिया और मारपीट करने लगे और रुपए लूटकर भाग निकले। कारोबारी ने पुलिस को बताया कि पहले तो वह समझ नहीं पाया कि वह पुलिसकर्मी हैं, मगर उनमें से एक ने वर्दी पहन रखी थी। घटना की जानकारी कमिश्नरेट पुलिस के अधिकारियों को दी गई। उनके निर्देशन में इंस्पेक्टर को जांच दी गई। अब पुलिस उन जुआरी मुखबिरों को भी तलाश रही है।