भाजपा के एक विधायक ने माया को किन्नर तो दूसरे ने राहुल को बताया रावण
स्वयं सेवकों मिलिटेंट बता चुकी है बसपा की प्रमुख मायावती
योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। पार्टी विद द डिफरेंस का नारा देने वाली केन्द्र और प्रदेश में सत्तारूढ़ भाारतीय जनता पार्टी जो सबसे ज्यादा मर्यादित,अनुशासित और संयमित मानी जाती है उसी के नेता कार्यकर्ता इस समय ऐसे कड़ुवे और बेतुके बोल बोल रहे है जिससे नेतृत्व को तो सफाई देनी पड़ रही है ऐसे बोल बोलने नेताओं को भी जुबान फिसल जाने के बाद अपनी गल्ती का एहसास होने पर खेद व्यक्त करना पड़ रहा है। बिगड़े बोल बोलने में इस समय प्रदेश में राजनीतिक दलों के नेताओं में गलाकाट स्पर्धा मची है। पिछले दिनों भाजपा की विधायक साधना सिंह ने बसपा प्रमुख मायावती की तुलना किन्नर से क्या कर दी जान आफत मोल ले ली।
उसके बाद भाजपा के विधायक सुरेन्द्र सिंह जो हमेशा विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते है उन्होंने प्रियंका की तुलना सूपर्णनखा और राहुल की तुलना रावण से कर दी। यह वही सुरेन्द्र सिंह है जिन्होंने मायावती की तुलना बिच्छू से करते हुए कहा था कि वे दलित का डंग बिच्छू की तरह मारती है। इसके अलावा उन्होंने ही उन्नाव में भाजपा विधायक के रेप कांड में फं सने के बाद कहा कि भगवान राम भी आ जायें तो इन घटनाओं (रेप)को रोक नहीं सकते। उन्होंने ही अधिकारियों की तुलना आफिसियल्स वेश्या से की थी। चुनावी वर्ष होने के कारण जहां विपक्ष के नेता इस तरह के बयानों को मुद्दा बनाए हुए है तो भाजपा इसको लेकर बैकपुट पर है।
भाजपा विधायक साधना सिंह और सुरेन्द्र सिंह के बयान के बाद बसपा के पूर्व विधायक विजय यादव ने भाजपा विधायक साधना सिंह का सिर लाने वाले को पचास लाख का इनाम देने का एलान किया है। इसके अलावा बाराबंकी की सांसद प्रियंका रावत का भी वो बयान याद कीजिए जिसमें उन्होंने जनसुनवाई के दौरान एक एसडीएम की खाल खिंचवाने तक की धमकी दे दी थी। भाजपा हो या कोई अन्य दल बिगड़े बोल और जुबान फिसलने की प्रवृति बड़े नेताओं के चलते ही पनपी है। साधना सिंह के बयान से पहले प्रदेश के मु यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान जब हनुमान जी को दलित समुदाय का बता दिया इसका विरोध उन्हे और पार्टी को सदन से सड़क झेलना पड़ा। राजनीतिक जानकारों की माने तो इन राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नुकसान पहुंचने का एक बड़ा कारण योगी का यह बयान भी थी। योगी आदित्यनाथ से पहले प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहे और रामपुर के सांसद नैपाल सिंह ने एक बयान ऐसा दिया जिसकी चौतरफा हुयी।
उन्होंने अपने बयान में कहा था कि सेना के जवान है तो जान जायेगी ही। इसका विरोध होने पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव राजभार पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर तो सरकार गठन के आज तक अपने बिगड़े बोल के चलते ही सुर्खियां बटोर रहे है। एक बयान में उन्होंने दावा किया कि ठाकुर और ब्रा हण बिरादरी के ही लोग ज्यादा शराब पीते है।.
यही नहीं जिस मंदिर को भाजपा अपना मुद्दा बताती है उस पर उनका विवादित बयान आया कि मंदिर मुद्दा साधुसंत रोजी रोटी के लिए अलापते रहते है। भाजपा के सांसद वीरेन्द्र सिंह ने बीते साल एक चुनावी रैली में राहुल गांधी के खिलाफ आपित्तजनक टिप्पणी की थी। जबकि भाजपा के दूसरे सांसद हरिनारायण राजभर ने यह कहने से नहीं चूके की भगवान राम को भी आवास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलना चाहिए।
बद्जुबानी दूसरे दलों के नेता भी पीछे नहीं रहे। एक चुनावी रैली में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बलात्कार की घटना में शामिल आरोपियों की हिमायत करते हुए कहा था कि बच्चों से गल्तियां हो ही जाती है। जबकि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सांसद राजबब्बर छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान नक्सलियों को क्र ांतिकारी बताया था। बसपा प्रमुख मायावती भी राष्टï्रीय स्वयं सेवकों को मिलिटेंट बता चुकी है।