
नवीन गौतम
हापुड। जनपद हापुड के एक नामी हॉस्पिटल व इंस्टीट्यूट से एक शर्मनाक घटना सामने आई है।
एक गरीब परिवार अपनी 15 दिन की मासूम बच्ची की जिंदगी की भीख मांग रहा है। लेकिन डॉक्टर सुनने के लिए नहीं है तैयार। मामला उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के थाना पिलखुवा क्षेत्र का है। मौहल्ला सद्दीकपुरा का रहने वाला परिवार 15 दिन की मासूम बच्ची की जिंदगी की भीख मांग रहा है परिजनों ने आरोप लगाया है कि पैसे की तंगी के कारण डॉक्टर सुनने के लिए तैयार नहीं है। परिजनों ने बताया कि उनकी 15 दिन की मासूम बच्ची की अचानक तबीयत खराब हो गई जिसे उन्होंने पिलखुवा स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज में एडमिट करा दिया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के एक बड़े अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। परिजनों ने बताया कि जब वह एम्बुलेंस से मासूम बच्ची को लेकर दिल्ली के अस्पताल में पहुंचे तो बच्ची को एडमिट करना तो दूर की बात है। डॉक्टरों ने देखना भी मुनासिब नहीं समझा और बताया कि यहा बच्चों का इलाज नहीं होता।
परेशान होकर मासूम बच्ची के परिजन वापस बच्ची को लेकर सरस्वती मेडिकल कॉलेज में पहुंच गए। अब डॉक्टर यहां भी बच्ची को एडमिट करने के लिए तैयार नहीं है। जिस कारण मात्र 15 दिन की मासूम बच्ची एंबुलेंस में जिंदगी और मौत की सांसे गिन रही है। अस्पताल मैनेजमेंट मासूम बच्ची को एडमिट करने के लिए तैयार नहीं है। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल। वह अपनी मासूम बच्ची को एम्बुलेंस में ही रहकर ठीक होने की दुआ कर रहे हैं।