अतुल शर्मा
गाजियाबाद। जीडीए के विज्ञापन अनुभाग द्वारा जीडीए उपाध्यक्ष की अनुमति के बगैर विभिन्न समाचार पत्रो में छापे गये करोडो के विज्ञापन के मामले की जांच के आदेश जारी कर दिये गये है। इस पूरे मामले की जांच के लिए जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने जीडीए सचिव संतोष राय की अध्यक्षता में चार सदस्य कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में वित्त नियंत्रक सूबेदारसिंह विशेष कार्य अधिकारी वीके सिंह विधि अधिकारी सुनील कुमार के नाम उल्लेखनीय है। यह कमेटी एक सप्ताह के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा को रिपोर्ट सौंप देगी।
पडताल के बाद पात चला है कि 30 मार्च 2018 से 18 अगस्त 2018 के मध्य करोडो के 101 विज्ञापन विभिन्न समाचार पत्रो में प्रकाशित करा दिये गये । मजे की बात यह है कि विज्ञापन अनुभाग में कार्यरत विज्ञापन प्रभारी अमरदीप केयरटेकर राकेश शुक्ला तथा केयरटेकर वाईपीसिंह ने बिना किसी अनुमति के ये विज्ञापन विभिन्न ऐजेन्सियों के माध्यम से समाचार पत्रो में प्रकाशित करा दिये गये। जब इन विज्ञापनो के भुगतान के लिए जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा के समक्ष प्रस्ताव पेश किया गया तो वह भडक उठी ,और इस मामले के संज्ञान में आने के बाद उन्होने जांच के आदेश जारी कर दिये।
विज्ञापन प्रभारी अमरदीप ने कुछ ही समय पहले इस विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभाला है। जबकि केयरटेकर राकेश शुक्ला और वाईपीसिंह पिछले 15 वर्षो से भी अधिक इस विभाग में जमे है। आज तक उनका तबादला किसी दूसरे विभाग में नही हुआ। विज्ञापन प्रकाशन का यह घपला जीडीए में चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिर इतने विज्ञापनो का प्रकाशन बिना किसी अनुमति के कैसे हो गया। इस संबंध में जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि इस मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद विधिक कार्रवाई की जायेगी।