इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के कई प्रयासों के बाद भी नस्लवाद का भूत इंग्लिश क्रिकेट का पीछा नहीं छोड़ रहा है। एक बार फिर यह मामला चर्चा में है। कारण, यॉर्कशायर काउंटी टीम के खिलाफ नस्लीय व्यवहार का आरोप लगाने वाले अजीम रफीक परिवार के साथ हो रहे बुरे बर्ताव और धमकी से बचाने के लिए इंग्लैंड छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
31 साल के अजीम द्वारा लगाए आरोपों के बाद ब्रिटेन की संसदीय समिति ने जांच की थी और सुधारवादी कदम उठाए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपहरण के प्रयास और फिर पिता के बिजनेस पार्टनर की हत्या के बाद अजीम का परिवार पाकिस्तान से ब्रिटेन चला गया था। ब्रिटेन में भी उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल हो रहा है और धमकियां दी जा रही हैं। अजीम को हाल के दिनों में ऑनलाइन और व्यक्तिगत दोनों तरह से धमकियां मिल रही थीं।
इस महीने की शुरुआत में उनके माता-पिता के घर के बगीचे में एक व्यक्ति को देखा गया। एक अन्य मामले में नकाबपोश व्यक्ति उनके घर की निगरानी करते हुए पाया गया। ये दोनों मामले CCTV में रिकॉर्ड हुए थे।
4 माह पहले बना था मुस्लिम एथलीट चार्टर
ECB ने रेसिज्म स्कैंडल के बाद मुस्लिम इंक्लूजन एडवाइजर अप्वाइंट किया था। साथ ही 12 प्वाइंट्स का मुस्लिम एथलीट चार्टर भी बनाया था। रेसिज्म को रोकना एडवाइजर की जिम्मेदारी थी। इसे नुजुम स्पोर्ट्स ने तैयार किया है।
रफीक ने किया था रेसिज्म स्कैंडल का खुलासा
अजीम ने यॉर्कशायर नस्लवाद मामले का खुलासा सबसे पहले सितंबर 2020 में किया था। रफीक ने सांसदों से कहा था कि इंग्लिश क्रिकेट इंस्टीट्यूशनल नस्लवादी है। उनके इस बयान के बाद रेसिज्म पर खूब चर्चा हुई। कई खिलाड़ियों ने अपने साथ हुई रेसिज्म से संबंधित घटनाएं भी उजागर की थीं।
क्यों नस्लवादी टिप्पणी झेल रहे हैं रफीक
अजीम और चार अन्य लोगों को इंग्लैंड क्रिकेट अनुशासन आयोग ने 2011 में सोशल मीडिया पर समुदाय विरोधी भाषा के इस्तेमाल के लिए फटकार लगाई थी। अजीम ने अपनी गलती स्वीकारते हुए माफी मांग ली थी।