नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे कैश फॉर क्वेरी आरोप की सुनवाई कर रही संसद की एथिक्स कमेटी मंगलवार को बैठक करेगी। कमेटी ने 26 अक्टूबर को इस मामले की जांच शुरू की थी। दो हफ्ते से भी कम समय में कमेटी रिपोर्ट ड्राफ्ट करने पर विचार कर रही है। कल कमेटी इस रिपोर्ट को अपना भी सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एथिक्स कमेटी महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने जैसी सख्त कार्रवाई की सिफारिश कर सकती है। 15 अक्टूबर को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था।
कमेटी महुआ के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमेटी के एक मेंबर ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि कमेटी महुआ मोइत्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर सकती है। इसमें वर्तमान लोकसभा के बचे कार्यकाल के लिए महुआ को अयोग्य घोषित करना भी शामिल हैं। कमेटी 2005 के ऐसे ही कैश फॉर क्वेरी मामले का रेफरेंस ले सकती है, जिसमें सवाल पूछने के लिए पैसे लेने के आरोप में 11 सांसदों को संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस फैसले को जनवरी 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकार रखा था।
एथिक्स कमेटी के चेयरमैन बेहूदा-बेशर्म: महुआ
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी और उसके चेयरमैन पर निशाना साधा। उन्होंने रविवार 5 नवंबर को X पर लिखा कि कमेटी की तरफ से पूछे गए सवाल घटिया और अप्रासंगिक थे। इसके मेरे पास रिकॉर्ड हैं। एथिक्स कमेटी के चेयरमैन बेहूदा और बेशर्म हैं। महुआ ने आगे कहा कि यह जानकर मेरी रूह कांप रही है कि भाजपा मेरे खिलाफ क्रिमिनल केस बनाने की प्लानिंग कर रही है। मेरे पास कितने जोड़ी जूते जानने के बजाय सीबीआई और ईडी अडाणी पर 13000 करोड़ रुपए के कोयला घोटाले में FIR करे। महुआ ने इसे लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को लेटर भी लिखा है। इसमें महुआ ने ये भी लिखा कि चेयरमैन विनोद सोनकर का बर्ताव अनैतिक, घिनौना और पूर्वाग्रह से भरा था।
महुआ भड़कते हुए पूछताछ से बाहर निकली थीं
महुआ 2 नवंबर को सुबह 10:50 बजे संसद की एथिक्स कमेटी के दफ्तर पहुंची थीं। करीब पौने 4 घंटे बाद महुआ पूछताछ बीच में ही छोड़कर कमेटी के दफ्तर से नाराज होकर बाहर निकलीं। उन्होंने कमेटी के चेयरमैन पर अपमानजनक सवाल करने के आरोप लगाए। महुआ ने सोशल मीडिया पर कहा- कमेटी के चेयरपर्सन विनोद सोनकर ने बाकी सदस्यों के सामने शब्दों से उनका वस्त्रहरण किया और जानबूझकर अपमानजनक सवाल किए।
महुआ के इन आरोपों पर BJP सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- एथिक्स कमेटी अध्यक्ष सोनकर ने महुआ से टिकट व होटल का बिल मांगा था। यदि इसके अलावा उन्होंने महुआ के किसी भी पुरुष मित्र या होटल में उसके साथ रुकने का प्रश्न पूछा होगा तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।
क्या है पूरा मामला
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया। निशिकांत ने 21 अक्टूबर को महुआ पर एक और गंभीर आरोप लगाया। निशिकांत ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा- कुछ पैसों के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया। मैंने इसे लेकर लोकपाल से शिकायत की है।
उन्होंने कहा कि दुबई से संसद की ID खोली गई, जबकि उस वक्त वो कथित सांसद भारत में ही थीं। इस नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केंद्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी TMC व विपक्षी दलों को राजनीति करनी है। निर्णय जनता का है। NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।
एथिक्स कमेटी ने 27 अक्टूबर को महुआ को समन भेजा और 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। महुआ ने इसी दिन एथिक्स कमेटी को लिखा था कि वे 5 नवंबर के बाद ही मौजूद हो पाएंगी। 28 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने महुआ को 2 नवंबर को पेश होने को कहा।
महुआ बोलीं- घटिया तरीके से पूछताछ हुई:चेयरमैन के सवाल स्क्रिप्टेड थे; कमेटी के किसी और सदस्य को सवाल पूछने की परमिशन नहीं थी
‘कैश फॉर क्वेश्चन’ के आरोपों का जवाब देने के लिए पश्चिम बंगाल से TMC सांसद महुआ मोइत्रा लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने 2 नवंबर को पेश हुई थीं। इसके कुछ घंटों बाद महुआ ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर भास्कर से खुलकर बातचीत की।