नई दिल्ली। चुनावी महाभारत 2019 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा तेजी पकड़ ली है वही बहुत जल्द यूपी की योगी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रही है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि नवरात्र के दौरान या इसके ठीक बाद योगी मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग से आने वाले कुछ विधायकों को योगी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की चर्चा है। वहीं, खबर है कि मंत्रिमंडल में मौजूद कुछ मंत्रियों का कद भी बढ़ाया जा सकता है।
एससी और पिछड़े वर्ग से बनेंगे मंत्री
सूत्रों की मानें तो अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग से आने वाले कुछ विधायकों को मुख्य तौर पर योगी सरकार में मंत्री पद से नवाजा जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के तहत यूपी में भाजपा का विशेष फोकस पिछड़े वर्ग पर है। हाल ही में भाजपा ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में यूपी में पिछड़े वर्ग के कई सम्मेलन भी किए हैं। वहीं, एससी/एसटी एक्ट के बाद बदले समीकरणों को देखते हुए दलित और सवर्ण वर्ग से भी कुछ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।
मंत्री पद के लिए इन नामों पर चर्चा
भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगस्त-सितंबर महीने में यूपी में हुए पिछड़े वर्ग के सम्मेलनों में गुर्जर समाज ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि सरकार में उनकी जाति का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसे में भाजपा इस वर्ग की नाराजगी दूर करने के लिए गुर्जर समाज के कुछ विधायकों को मंत्री पद दे सकती है। मंत्रि पद के लिए जिन नामों पर चर्चा है, उनमें अवतार सिंह भड़ाना, अशोक कटारिया और तेजपाल नागर का नाम सबसे आगे है। वहीं, स्वतंत्र देव सिंह समेत कुछ मंत्रियों का कद भी बढ़ाया जा सकता है।
जल्दी फेरबदल के पीछे क्या है वजह?
आपको बता दें कि हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ है। आने वाले दिनों में इन राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए यूपी के भाजपा नेता भी पहुंचेंगे और उनकी व्यस्तता बढ़ जाएगी। ऐसे में संभव है कि आगामी कुछ दिनों में ही योगी मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया जाए। यूपी के मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा काफी पहले से थी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने भी कई बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन किसी ना किसी कारणवश यह फेरबदल टल रहा था।