राम जन्म भूमि मामला : लाख टके का सवाल 25 को क्या होगा अयोध्या में? राम नगरी फिर सुरक्षाबलों के हवाले

अयोध्या.। आजकल राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में लाख टके का सवाल तैर रहा है कि आखिर 25 नवम्बर को अयोध्या में क्या होगा। तमाम ऐसे लोग हैं जो कह रहे हैं कि कहीं 26 साल पहले वाली घटनाएं फिर से ना दोहरा दी जाएं। कुछ तो यह भी कह रहे हैं कि सब कुछ सामान्य रहेगा। कार्यक्रम होंगे और शांतिपूर्वक निपट जाएगा। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 25 नवम्बर को रामलला का दर्शन करेंगे। ठाकरे परिवार के किसी सदस्य का यह अयोध्या का पहला दौरा होगा। ठाकरे कल दोपहर में ही अयोध्या जाएंगे और लक्ष्मण किला मंदिर में उनका अभिनंदन होगा 25 तारीख को वह रामलला का दर्शन करेंगे उनका संतों से भी मिलने का कार्यक्रम है। 25 नवम्बर को ही विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की बहुचर्चित धर्म सभा आयोजित है।

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इन दोनों कार्यक्रमों को लेकर अयोध्या के तमाम लोग सशंकित हैं। मुसलमानों में दहशत देखी जा रही है, हालांकि वे अयोध्या से पलायन नहीं कर रहे हैं। अयोध्या क्षेत्र में एक छोटी इंडस्ट्री चलाने वाले इकलाख को लगता है कि सब कुछ सामान्य रहेगा लेकिन अयोध्या में बाहरी लोगों के आने पर घटनाएं होने की आशंका पैदा हो जाती हैं और इन दोनों कार्यक्रमों में बाहर से लोग आ रहे हैं। 06 दिसम्बर 1992 के बाद शायद पहली बार लाखों की संख्या में लोग अयोध्या आ रहे हैं, इसलिए थोड़ा सा डर लग रहा है। स्थानीय लोगों के सहयोग की वजह से वह डर पलायन का रूप नहीं ले पा रहा है। राम मंदिर निर्माण के सवाल पर उनका कहना था कि जो भी हो इसका फैसला जल्दी हो जाए, ताकि यहां के लोगों को अमन-चैन के साथ जीवन व्यतीत करने में आसानी हो जाए। आने वाली पीढ़ी सुकून से अपनी जिंदगी गुजार सके।

दूसरी ओर अयोध्या में रहकर सामाजिक कार्य करने वाले शिवपूजन उपाध्याय कहते हैं कि 25 नवम्बर को कोई अनहोनी नहीं होगी। उनका मानना है कि राम जन्मभूमि आंदोलन के इतिहास पर नजर डालने से यही लगता है कि 25 नवम्बर को अयोध्या में कुछ नहीं होने वाला। केवल भाषण होगा और सरकार को चेतावनी दी जा सकती है कि राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार सभी बाधाओं को दूर कर इस दिशा में सकारात्मक पहल जल्द से जल्द करे। उपाध्याय कहते हैं कि 1984 में श्री राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के नेतृत्व में मिथिला से निकला राम जानकी रथ इंदिरा गांधी की हत्या की वजह से नागपुर में रोक दिया गया था।

इसके बाद दिल्ली के वोट क्लब पर रैली हुई थी, जिसमें कई लाख लोगों ने भाग लिया था। उसके बाद इस आंदोलन में तेजी पकड़ी और उसकी परिणति 06 दिसम्बर 1992 को ढांचा गिरने से हुई। उन्होंने कहा कि 09 दिसम्बर को विहिप ने दिल्ली में एक रैली बुलाई है और 10 दिसम्बर से संसद का शीतकालीन सत्र है। उनका मानना है कि 25 नवम्बर को अयोध्या, बंगलुरु और मुंबई में आयोजित धर्म सभाओं के बाद देश के अन्य हिस्सों में होने वाली धर्मसभा के जरिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा कि शीतकालीन सत्र में मंदिर निर्माण के संबंध में विधेयक आ जाए।

वह कहते हैं कि 25 नवम्बर को सरकार ही कुछ नहीं होने देगी, शायद इसीलिए शिवसेना के कार्यक्रम को भी हल्का किया गया। फैजाबाद की गुलाब बाड़ी में होने वाला उनका जनसंवाद का कार्यक्रम फिलहाल रोक दिया गया है। यह सब देखने के बाद लगता है कि 25 नवम्बर का कार्यक्रम राम मंदिर निर्माण को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए है। श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास का भी कहना है कि 25 नवम्बर को स्पष्ट रूप से कहा जाएगा कि सरकार मंदिर निर्माण के लिए बाधाओं को हटाकर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कराए। स्थानीय लोगों ने अयोध्या में 90 के दशक में खूब तनाव देखे हैं। कर्फ्यू झेले हैं। पुराने अनुभव के आधार पर वे कहते हैं कि अयोध्या में इतनी बड़ी संख्या में 1992 के बाद पहली बार बाहर से लोग आ रहे हैं,

इसलिए डर स्वाभाविक है। कई लोग खाने-पीने और दिनचर्या की अन्य चीजों को खरीदते देखे जा रहे हैं। उनका मानना है कि यदि कर्फ्यू जैसी स्थिति पैदा होती है तो घर में किसी चीज की कमी ना रहे। बहरहाल तमाम आशंकाओं के बीच अयोध्या आंदोलन के जानकार लोग यह मानकर चल रहे हैं कि 25 नवम्बर को भीड़भाड़ होगी लेकिन प्रशासन मुस्तैद रहेगा।

एडीजी आशुतोष और डीआईजी सुभाष सम्भालेंगे राम जन्मभूमि सुरक्षा की जिम्मेदारी

उप्र पुलिस में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) तकनीक आशुतोष पाण्डेय और झांसी के अपर पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) को विश्व हिन्दू परिषद के 25 नवम्बर को आयोजित संत सभा के लिए रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी दे दी गयी है। इसमें अयोध्या को तीन जोनों को बांटा गया है। आशुतोष को ब्लू एवं यलो जोन और डीआईजी को रामजन्मभूमि परिसर के रेड जोन की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में अयोध्या को लेकर हुई बैठक के बाद एडीजी तकनीक आशुतोष पाण्डेय को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी। आशुतोष पाण्डेय आज अपनी टीम के साथ अयोध्या के लिए रवाना हो जाएंगे और शाम के बाद अपनी जिम्मेदारी सम्भाल सकते हैं। अयोध्या क्षेत्र में आवागमन से लेकर हर गतिविधि पर उनके टीम की निगरानी रहेगी।

इसमें संदिग्ध रुप से दिखने वाले हर व्यक्ति को हिरासत में लेने और संदिग्ध वस्तुओं की जांच निगरानी करने के आदेश जारी हो चुके है। इसके पहले विश्व हिन्दू परिषद के संत सम्मेलन के लिए अयोध्या व आसपास के अलावा राम सनेही घाट, अम्बेडकरनगर, गोरखपुर, देवरिया, गोंडा, बस्ती, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, सुल्तानपुर, जौनपुर, प्रयागराज, वाराणसी से लाखों की संख्या में लोगों के पहुंचने की एलआईयू रिपोर्ट अयोध्या के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने पुलिस महानिदेशक के कार्यालय को भेजी थी जिसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से जिले को आठ जोनों और 16 सेक्टरों में बांटा गया। जिले में 48 कम्पनी पीएसी, पुलिस अधीक्षक स्तर के पांच, अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के 15 व क्षेत्राधिकारी स्तर 19 अधिकारियों को लगा दिया गया।

– बाहर रोके जायेंगे बड़े वाहन अयोध्या में 25 नवम्बर को संत सम्मेलन में भाग लेने के लिए लाखों की संख्या में रामभक्त भक्तमाल की बगिया पहुंचेंगे। इसके लिए अयोध्या की सीमा पर सुरक्षा में लगाये गये पुलिस के अधिकारियों व जवानों को यातायात प्रबन्धन के लिए बड़े वाहनों को बाहर ही रोकने के लिए कहा गया है। अयोध्या के बाहर के मुख्य मार्ग पर आवागमन जारी रहेगा लेकिन वहां से भीतर की ओर आने वाले मार्ग पर भी वाहन रोके जाएंगे। – छतों से रखी जाएगी नजर पतली गलियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस के जवान छतों पर तैनात रहेंगे। इसके लिए तमाम मकानों की छतों को चिन्हित कर लिया गया है जहां से हर मोड़ व गली और सड़क पर निगरानी की जा सके।

अयोध्या एक बार फिर सुरक्षाबलों के हवाले

अयोध्या। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की धर्मसभा और शिवसेना के कार्यक्रमों को देखते हुए अयोध्या एक बार फिर सुरक्षाबलों के हवाले कर दिया गया है। विवादित राम जन्मभूमि और उसके आस-पास अधिग्रहीत परिषद की सुरक्षा में यूं तो चार कंपनी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, 12 कंपनी पीएसी और करीब 450 नागरिक पुलिस के जवान हर समय मुस्तैद रहते हैं लेकिन 24 और 25 नवम्बर को शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे के कार्यक्रमों और 25 नवम्बर को विहिप की धर्मसभा को देखते हुए सुरक्षाबलों की संख्या और बढ़ा दी गई है।

राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि इन कार्यक्रमों से पहले शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा का स्नान है। इसमें लाखों श्रद्धालु सरयू नदी में डुबकी लगाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा और शिवसेना व विहिप के कार्यक्रमों के चलते अयोध्या की सुरक्षा में पहले से तैनात सुरक्षा कर्मियों के अलावा अर्ध-सैनिक बलों की सात कंपनी तैनात की गई है। इसके अलावा, अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के छह अधिकारी, 16 पुलिस उपाधीक्षक, 30 निरीक्षक, 250 उपनिरीक्षक बारा थानाप्रभारी 15 महिला उप निरीक्षक, 650 सिपाही, 50 महिला सिपाही, छह कंपनी पीएसी और दो कंपनी आरएएफ को तैनात किया गया है। यह सुरक्षाकर्मी स्थानीय पुलिस की मदद के लिए तैनात किए गए हैं।

आनन्द कुमार ने बताया कि किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। राम जन्मभूमि और उसके आस-पास अधिग्रहित परिसर में सुरक्षा के दृष्टि से पैनी नजर रखी जा रही है। अयोध्या में पर्याप्त संख्या में खुफिया संगठन के लोग भी तैनात हैं। संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अयोध्या आने वाले अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा पर खास नजर है। उन्होंने बताया कि उद्धव ठाकरे के आशीर्वाद समारोह स्थल लक्ष्मण जिला मंदिर पर भी सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। ठाकरे शनिवार को विशेष विमान से अयोध्या पहुंचेंगे। वे फैजाबाद शहर में स्थित हवाई पट्टी पर दोपहर बाद आएंगे, जहां से सड़क मार्ग से उन्हें अयोध्या के लक्ष्मण किला मंदिर में ले जाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लक्ष्मण किला मंदिर मंदिर में सच बुलवाने के लिए लोगों को ले जाया जाता है। वहां कोई झूठी कसम नहीं खा सकता। लक्ष्मण किलाधीश के अनुसार मंदिर में झूठी कसम खाने वालों का काफी नुकसान हो जाता है।

https://youtu.be/UMzXgbw4JLw

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