उन्नाव बलात्कार एवं हत्या के पीड़ित परिवार ने 23 वर्षीय लड़की के शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने घर पर आएं और दोषियों को सजा दिलाने का ऐलान करें। जब तक मुख्यमंत्री नहीं आएंगे तब तक लड़की के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
हालांकि बीती रात से ही पीड़ित के शव का रविवार को अंतिम संस्कार करने की प्रशासनिक स्तर पर तैयारी की जा रही थी। पीड़ित का शव शनिवार रात उन्नाव जिले के उसके गांव में पहुंच गया था। 90 फीसदी जलने के बाद उपचार के दौरान शुक्रवार रात रेप पीड़ित का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन हो गया था। उसे गुरुवार को पांच लोगों ने उस वक्त आग लगाकर मारने का प्रयास किया था, जब वह उनके खिलाफ दर्ज बलात्कार मामले की सुनवाई के लिए रायबरेली के रास्ते में थी।
Sister of Unnao rape victim: I also demand that I should be given a government job. https://t.co/CxvWDO9QmC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 8, 2019
शनिवार को पीड़ित परिवार ने शव का दाह संस्कार या नदी में प्रवाहित करने के बजाय उसे दफनाने का फैसला किया था। लेकिन रविवार को उन्नाव बलात्कार-हत्या पीड़ित के पिता ने मांग की कि उत्तर प्रदेश के दूसरे मंत्रियों की बजाय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद परिवार से मिलने आएं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा करें। मीडिया से बात करते हुए दिवंगत लड़की के पिता ने मांग की कि उनकी बेटी को मारने वाले पांच लोगों का भी हैदराबाद रेप कांड के आरोपितों की तर्ज पर एनकाउंटर किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार सुबह एक मुठभेड़ में हैदराबाद की डा. दिशा बलात्कार-हत्या मामले के चार आरोपितों को एनकाउंटर में मार गिराया था।
उन्नाव और दिल्ली में विरोध प्रदर्शन
यूपी के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरुण स्थानीय भाजपा सांसद साक्षी महाराज के साथ उन्नाव गैंगरेप पीड़ित के गांव पहुंचकर शनिवार को उसके परिवार से मिले। हालांकि उस दौरान कुछ दूसरे लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। कुछ स्थानीय कांग्रेस नेताओं सहित कई प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा था, जो पीड़ित के आवास के बाहर इकट्ठा हुए थे। ये प्रदर्शनकारी राज्य सरकार और साक्षी महाराज के खिलाफ ‘वापस जाओ, वापस जाओ’ के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसके बाद दोनों मंत्रियों और सांसद को पीड़ित के घर ले जाया गया।
उधर, दिल्ली में भी शनिवार को दिल्ली महिला आयोग की अगुवाई में उन्नाव पीड़ित के लिए एक कैंडललाइट मार्च निकाला गया था। मार्च निकाल रहे लोगों को बीच रास्ते में रोकने पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव भी हुआ।