
लखीमपुर हिंसा के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी आशीष मिश्रा की ज़मानत याचिका मंज़ूर हो गई है। उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दी बेल दे दी है। हालांकि वह तमाम प्रक्रिया पूरे होने के बाद लगभग पांच दिन के बाद जेल से बाहर आ सकेंगे। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के इस मामले को देख रहे किसान नेता बलजिंदर मान बताते हैं कि सुनवाई के वक्त जब किसानों के वकील के बोलने की बारी आई तो ऑनलाइन कनेक्शन ही काट दिया गया। क्योंकि सुनवाई ऑनलाइन हुई है इसलिए एकतरफा बात सुनकर बेल एप्लीकेशन मंज़ूर कर दी गई है। मान का कहना है कि रिहियरिंग के लिए एप्लीकेशन दे दी गई है। अभी आगे की रणनीति बनाई जा रही है। देश ने आशीष मिश्रा को आंदोलनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ाते हुए देखा था। हाल ही में मामले में चार्जशीट भी फाइल हो गई थी। कुल 5,000 पन्नों की इस फाइल की गई चार्जशीट को आशीष मिश्रा के खिलाफ पुख्ता सुबूत माना जा रहा था। लखीमपुर के किसान नेता अमन संधु का कहना है कि जैसे ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव खत्म हुए वैसे ही अजय टेनी के बेटे को जमानत दे दी गई। इसकी बड़ी वजह राज्य में बाकी जगहों पर होने वाले चुनानों में ब्राह्म्ण वोट को साधना है। लखीमपुर के तिकोनिया हिंसा में पीड़ित परिवार चार्जशीट दाखिल होने से कुछ हद तक ही संतुष्ट हुए थे। फिलहाल किसान संगठन इस फैसले पर अपनी आगे की रणनीति बना रहे हैं।
किसान नेता गुरप्रीत सिंह का कहना है आशीष टेनी के बाहर आने से भाजपा ने अपने ताबूत में ही कील मारी है। बल्कि यह बहुत बुरी तरह से भाजपा को भारी पड़ने वाला है। हालांकि इस मामले में पीड़ित परिवार अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग भी कर रहे थे लेकिन उल्टे आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई। पीड़ित परिवारों का कहना है कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट तो एक दिखावा है। वह पहले से जानते थे कि इस जांच का कुछ नतीजा नहीं निकल पाएगा। लखीमपुर के गांव निघासन में पत्रकार और किसान रमन कश्यप के घर पर लगभग दस सुरक्षाकर्मियों का पहरा है। तिकोनियां हिंसा में रमन कश्यप की जान चली गई थी। रमन के पिता रामदुलारे का कहना है कि आशीष मिश्रा के बाहर आने से कोई फर्क नहीं पड़ता। बल्कि अब और तेज़ी से उनका विरोध होगा। इसी हिंसा में जान गंवाने वालों में गांव भगवंत नगर के 19 वर्षीय लवप्रीत सिंह भी थे। उनके माता-पिता का कहना है कि उन्हें न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। वह एसआईटी की जांच रिपोर्ट को चुनावी प्रॉपेगंडा बताते हैं। लवप्रीत सिंह की मां सतनाम कौर कहती हैं कि ‘जब तक टेनी को पद से उतारा नहीं जाता है तब तक यह मां ऐसे बैठेगी नहीं।’
चार्जशीट के सबसे अहम प्वाइंट
1. कुल 5,000 पन्नों की चार्जशीट है।
2. कुल गवाह हैं 208 जिनमें से 99 गवाहों के 164 के बयान दर्ज हुए हैं।
3. इन गवाहों ने आरोपियों की मौजूदगी घटना स्थल पर बताई है।
4. बैलिस्टिक रिपोर्ट में आरोपियों के वैपन में नाइट्रेट (बारूद) पाया गया है।
5. चार्जशीट में लिखा है कि 2. 35 बजे से लेकर बाद दोपहर 3 बजे तक सभी आरोपियों की लोकेशन हिंसा स्थल पर पाई गई है।
6. यह पैट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज में सामने आया है, यह पैट्रोल पंप हिंसा स्थल से 200 मीटर की दूरी पर है।
6. कुल आरोपी हैं – 17, इनमें से तीन की मौत हो गई है। एक आरोपी वीरेंद्र शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 201 के तहत मुकद्दमा चलेगा। वीरेंद्र शुक्ला मंत्री टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का साला है। इसपर स्कॉर्पियो गाड़ी छिपाने का आरोप तय हुआ है। क्योंकि इसकी सज़ा 7 साल से कम है इसलिए एसआईटी ने इसे 41 का नोटिस देकर छोड़ दिया