दुनिया में नए तरह के टूरिज्म का चलन तेजी से बढ़ रहा है। छुटि्टयों में अपने बच्चों के साथ किसी हिल स्टेशन या मौज-मस्ती वाली जगहाें में जाने के बजाए लोग अब डार्क टूरिज्म को तरजीह दे रहे हैं। यह ऐसा टूरिज्म है, जहां लोग त्रासदी के बाद वीरान पड़ी जगहों और कब्रगाह पर जाना चाहते हैं।
30% अमेरिकी यूक्रेन जाना चाहते हैं
80% अमेरिकी जीवन में कम से कम एक बार डार्क टूरिज्म करना चाहते हैं। 30% अमेरिकी रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे यूक्रेन जा सकें। दरअसल युद्ध के बाद किसी देश का क्या मंजर होता है और इससे कैसे जल्द से जल्द उबरा जा सकता है, इस बारे में जानने और इससे सबक लेने के लिए वे ऐसा करना चाहते हैं।
900 से ज्यादा लोगों पर हुआ सर्वे
पासपोर्ट फोटो डॉट ऑनलाइन द्वारा सितंबर में 900 से ज्यादा लोगों पर किए गए एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है। नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में टूरिज्म स्टडी के प्रोफेसर डोरिना-मारिया बुडा ने बताया कि पिछले कुछ सालों से टूर ऑपरेटर्स ने हाल ही में हुई त्रासदी वाले स्थानों में जाने के लिए प्लान बनाया है। इसके तहत सैलानी न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में हाल ही में आए तूफान से मची बर्बादी का मंजर देखना चाहते हैं।
यही नहीं, लोग ग्राउंड जीरो (9/11 अटैक की जगह) की यात्रा करना भी पसंद कर रहे हैं। 17वीं शताब्दी में जादूगरी के आरोपियों के उत्पीड़न केंद्र के लिए बोस्टन भी जा रहे हैं। जर्मनी या पोलैंड के यातना स्थल भी जा रहे हैं। डार्क टूरिज्म के जरिए लोग नरसंहार के शिकार लोगों का इतिहास समझना चाहते हैं।
डार्क टूरिज्म के जरिए घोस्ट टूर पर जा रहे लोग
डार्क टूरिज्म के तहत लोग घोस्ट टूर पर भी जा रहे हैं। बोरो ऑफ द डेड के संस्थापक एंड्रिया जेन्स के अनुसार जापान के सुसाइड फॉरेस्ट अओकिगहारा, कोलंबिया में क्रिमिनल पाब्लो एस्कोबार की लग्जरी जेल और टेनेसी में मैककेमी मनोर घोस्ट टूरिज्म के लिए जा रहे हैं।